scriptविधायक नारायण फिर भाजपा के साथ, बोले- लड़ाई किस घर में नहीं होती | MLA Narayan again with BJP, said - in which house the fight does not | Patrika News

विधायक नारायण फिर भाजपा के साथ, बोले- लड़ाई किस घर में नहीं होती

locationभोपालPublished: Oct 15, 2019 10:34:59 pm

Submitted by:

anil chaudhary

– मैं भाजपा का था, हंू और रहंूगा : त्रिपाठी

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भोपाल. विधानसभा में क्रॉस वोटिंग करने वाले भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी एक बार फिर अपनी पार्टी के साथ खड़े हो गए हैं। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे त्रिपाठी ने मीडिया से कहा कि मैं भाजपा का था, भाजपा का हंू और भाजपा का ही रहंूगा। त्रिपाठी ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह से मुलाकात की। राकेश सिंह ने त्रिपाठी और नरोत्तम के साथ मीडिया से बात की।
राकेश सिंह ने कहा कि नारायण त्रिपाठी और शरद कोल दोनों उनके विधायक हैं और उनके ही साथ हैं। नारायण को प्रलोभन दिए गए थे, लेकिन वे हमेशा भाजपा के साथ रहे। नरोत्तम ने कहा कि कांग्रेस गिनती कर ले कि उसके सदस्य 116 हैं या 114 हैं। नारायण त्रिपाठी ने कहा कि वे मैहर के विकास के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलते रहे हैं। कांग्रेस नेतृत्व विहीन और दिशाहीन पार्टी है। मैंने उस विधेयक के पक्ष में वोट किया था। मैं भाजपा के ही साथ हंू, मैंने कई बार बयान दिया है कि जल्द ही हमारी सरकार बनेगी। त्रिपाठी ने कहा आखिर किस घर में झगड़े नहीं होते, शरद कोल भी हमारे साथी हैं।

– कांग्रेस के समर्थन में आ गए थे त्रिपाठी
पिछले विधानसभा सत्र के दौरान एक विधेयक के समर्थन में नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने वोट दिया था। वे विधि मंत्री पीसी शर्मा के साथ विधानसभा से बाहर आए और मीडिया से कहा कि भाजपा में उनकी सुनवाई नहीं होती इसलिए अब वे कांग्रेस के साथ हैं। शरद कोल ने भी कांग्रेस के समर्थन का दावा किया था।

– ये है पर्दे के पीछे की कहानी
त्रिपाठी के वापस भाजपा के पाले में होने के पीछे का असल कारण सरकार में उनकी सुनवाई न होना रहा। सूत्रों के अनुसार 10 अक्टूबर की शाम त्रिपाठी मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने पहुंचे थे। सीएम के साथ दिग्विजय सिंह बैठे हुए थे। त्रिपाठी ने सीएम को अपनी कुछ अपेक्षाएं बताईं, जिस पर दिग्विजय नाराज हो गए और उन्होंने त्रिपाठी को डांट लगा दी। त्रिपाठी इस बात से नाराज होकर वापस आ गए। त्रिपाठी ने अगले दिन एक होटल में अपने कार्यकर्ताओं से पूछा कि क्या उनको वापस भाजपा में जाना चाहिए। कार्यकर्ताओं ने इस पर सहमति जताई। त्रिपाठी की बात नरोत्तम से हुई और वे दिल्ली रवाना हो गए। सूत्रों के मुताबिक त्रिपाठी की मुलाकात दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य बड़े नेताओं से हुई है। त्रिपाठी संतुष्ट होकर 14 अक्टूबर को भोपाल वापस आ गए। 15 अक्टूबर को वापसी का ऐलान कर दिया।

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