– कांग्रेस के समर्थन में आ गए थे त्रिपाठी
पिछले विधानसभा सत्र के दौरान एक विधेयक के समर्थन में नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने वोट दिया था। वे विधि मंत्री पीसी शर्मा के साथ विधानसभा से बाहर आए और मीडिया से कहा कि भाजपा में उनकी सुनवाई नहीं होती इसलिए अब वे कांग्रेस के साथ हैं। शरद कोल ने भी कांग्रेस के समर्थन का दावा किया था।
– ये है पर्दे के पीछे की कहानी
त्रिपाठी के वापस भाजपा के पाले में होने के पीछे का असल कारण सरकार में उनकी सुनवाई न होना रहा। सूत्रों के अनुसार 10 अक्टूबर की शाम त्रिपाठी मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने पहुंचे थे। सीएम के साथ दिग्विजय सिंह बैठे हुए थे। त्रिपाठी ने सीएम को अपनी कुछ अपेक्षाएं बताईं, जिस पर दिग्विजय नाराज हो गए और उन्होंने त्रिपाठी को डांट लगा दी। त्रिपाठी इस बात से नाराज होकर वापस आ गए। त्रिपाठी ने अगले दिन एक होटल में अपने कार्यकर्ताओं से पूछा कि क्या उनको वापस भाजपा में जाना चाहिए। कार्यकर्ताओं ने इस पर सहमति जताई। त्रिपाठी की बात नरोत्तम से हुई और वे दिल्ली रवाना हो गए। सूत्रों के मुताबिक त्रिपाठी की मुलाकात दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य बड़े नेताओं से हुई है। त्रिपाठी संतुष्ट होकर 14 अक्टूबर को भोपाल वापस आ गए। 15 अक्टूबर को वापसी का ऐलान कर दिया।