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भाजपा के फिर हुए नारायण त्रिपाठी, बोले आखिर किस घर में नहीं होती लड़ाई

locationभोपालPublished: Oct 16, 2019 11:24:27 am

Submitted by:

Arun Tiwari

भाजपा के फिर हुए नारायण त्रिपाठी, बोले आखिर किस घर में नहीं होती लड़ाई
– मैं भाजपा का था,हंू और रहंूगा : त्रिपाठी
 

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भोपाल : भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी एक बार फिर भाजपा के साथ आ गए हैं। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे त्रिपाठी ने मीडिया से कहा कि मैं भाजपा का था, भाजपा का हंू और भाजपा का ही रहंूगा। त्रिपाठी ने भाजपा कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से मुलाकात की। इसके बाद राकेश सिंह ने त्रिपाठी और नरोत्तम मिश्रा के साथ मीडिया से बात की। राकेश सिंह ने कहा कि नारायण त्रिपाठी और शरद कोल दोनों उनके विधायक हैं और उनके ही साथ हैं।

नारायण त्रिपाठी को कई प्रलोभन दिए गए थे लेकिन वे हमेशा भाजपा के साथ रहे। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस गिनती कर ले कि उसके सदस्य ११६ हैं या ११४ हैं। नारायण त्रिपाठी ने कहा कि वे मैहर के विकास के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलते रहे हैं। कांग्रेस नेतृत्व विहीन और दिशाहीन पार्टी है। मैंने उस विधेयक के पक्ष में वोट किया था। मैं भाजपा के ही साथ हूं।

मैंने कई बार बयान दिया है कि जल्द ही हमारी सरकार बनेगी। त्रिपाठी ने कहा कि आखिर किस घर में झगड़े नहीं होते, शरद कोल भी हमारे साथी हैं। पिछले विधानसभा सत्र के दौरान एक विधेयक के समर्थन में भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने वोट दिया था। उन्होंने मीडिया से कहा कि भाजपा में उनकी सुनवाई नहीं होती इसलिए अब वे कांग्रेस के साथ हैं।

ये थी पर्दे के पीछे की कहानी :

नाटकीय तरीके से नारायण त्रिपाठी का वापस भाजपा के पाले में लौटने के पीछे का असल कारण सरकार में उनकी सुनवाई न होना रहा। सूत्रों के अनुसार १० अक्टूबर की शाम नारायण त्रिपाठी मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने पहुंचे। सीएम के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी बैठे हुए थे। त्रिपाठी ने सीएम को अपनी कुछ अपेक्षाएं बताईं, जिस पर दिग्विजय सिंह नाराज हो गए और उन्होंने त्रिपाठी को डांट लगा दी।

त्रिपाठी इस बात से नाराज होकर वापस आ गए। त्रिपाठी ने अगले दिन एक निजी होटल में अपने कार्यकर्ताओं से पूछा कि क्या उनको वापस भाजपा में आना चाहिए। कार्यकर्ताओं ने सहमति जताई। त्रिपाठी की बात नरोत्तम मिश्रा से हुई और वे ११ अक्टूबर को दिल्ली रवाना हो गए।

सूत्रों के मुताबिक नारायण त्रिपाठी की मुलाकात दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य बड़े नेताओं से हुई। त्रिपाठी को आने वाले समय में उनकी अपेक्षा पूरी करने का आवश्वासन दिया गया। त्रिपाठी संतुष्ट होकर १४ अक्टूबर को भोपाल वापस आ गए। १५ अक्टूबर को उन्होंने नरोत्तम के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचकर अपनी वापसी का ऐलान कर दिया।

15 साल में शिवराज के बिना बड़ा फैसला :

15 साल में ये पहला मौका है जब शिवराज सिंह चौहान के बिना भाजपा में कोई बड़ा फैसला या राजनीतिक गतिविधि हुई हो। इस पूरे घटनाक्रम में शिवराज कहीं नजर नहीं आए,यहां तक कि उनके नाम का उल्लेख तक नहीं हुआ। हालांकि इस समय शिवराज सिंह चौहान झाबुआ में प्रचार कार्यक्रम में व्यस्त हैं और भोपाल में नहीं हैं।

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