यात्रा करने के दौरान उपभोक्ता की ट्रेन में नींद लग गई। इस कारण भोपाल से कोपरगांव के बीच किसी अज्ञात चोर द्वारा उनका मोबाइल फोन चुरा लिया गया। इसकी कीमत 15 हजार 900 रुपए थी। इसकी सूचना उपभोक्ता ने फौरन टीसी को दी। टीसी द्वारा चोरी की सूचना पुलिस थाना जीआरपी मनमाड़ को दी गई।
रेलवे ने किया जिम्मेदारी से इनकार
रेलवे ने फोरम के पत्र के जवाब में कहा कि रेलवे के नियम के तहत जो किराया प्राप्त करता है वह केवल यात्रा के लिए किया जाता है। उपभोक्ता जो सामान साथ ले जा रहे थे वह रेलवे की अभिरक्षा में नहीं दिया। इस कारण रेलवे किसी भी क्षतिपूर्ति के लिए जिम्मेदार नहीं है। वहीं उपभोक्ता ने कहा कि रिजर्व बोगी में अनाधिकृत व्यक्ति घुसकर मोबाइल चोरी किया है। ऐसा रेलवे द्वारा सुरक्षा में कमी के कारण हुआ। इस मामले में फोरम ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद टिप्पणी करते हुए कहा कि जब रिजर्व कोच में कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता तो फोन कैसे चोरी हो सकता है। रेलवे अपने यात्रियों को सुविधा देने में असफल रहा, जिसकी वजह से रेलयात्री को परेशान होना पड़ा। अब रेलवे को हर्जाना राशि यात्री को चुकानी होगी।