इसको लेकर बार-बार संपर्क करने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई। बाद में कस्टमर केयर सहित अन्य जगह आशीष ने शिकायतें की, लेकिन समाधान नहीं हुआ। उलट जब शिकायतें उच्च स्तर पर पहुंची तो आशीष को पहली बार की गई शिकायत को सर्विस सेंटर प्रबंधन ने गलत बताकर जॉब शीट बदल दी। आशीष ने इस पर आपत्ति ली और कंपनी को लिखित में शिकायत की तो सर्विस सेंटर वालों ने आश्वासन दिया कि जो आपका फोन है वही मिलेगा, इस संबंध में बार-बार समय बढ़ाते गए लेकिन मोबाइल सुधारकर नहीं दिया।
तीसरी जॉबशीट में मॉडल ही बदल दिया इसकी फिर शिकायत की तो सर्विस सेंटर वालों ने मोबाइल फोन का मॉडल और उसकी समस्या ही बदलकर तीसरी जॉबशीट जारी कर दी। इससे परेशान होकर आशीष ने फिर कंपनी से शिकायत की तो सर्विस सेंटर प्रबंधन ने आशीष से संपर्क कर कहा कि बार-बार कंपनी में शिकायतें करने से कोई फायदा नहीं है, आपको समान मॉडल व कीमत वाला फोन ठीक करके दे दिया जाएगा, लेकिन आज तक फोन नहीं दिया गया। अब जवाब देना तक बंद कर दिया गया है। आशीष ने इसे उपभोक्ता फोरम में चुनौती दी तो फोरम ने आदेश दिया है कि कंपनी समान मॉडल का मोबाइल फोन दो महीने के भीतर दें अथवा मोबाइल फोन की कीमत १०६१९ रुपए वापस करें।
फोरम के नोटिस का भी जवाब नहीं दिया आशीष ने इस केस में ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी, सर्विस सेंटर और मोबाइल कंपनी को पार्टी बनाया। इस पर फोरम ने तीनों को नोटिस दिया, लेकिन किसी ने नोटिस का जवाब तक नहीं दिया। कभी पेश भी नहीं हुए। इस पर फोरम ने एकतरफा निर्णय लेकर ग्राहक के पक्ष में आदेश जारी कर दिया। फोरम ने आदेश दिया है कि नया मोबाइल खरीद कर दें या मोबाइल की कीमत १०६१९ रुपए वापस करें। साथ ही तीन हजार रुपए क्षतिपूर्ति के भी दें। आदेश मिलने के दो महीने के भीतर यदि पैसा या मोबाइल नहीं दिया गया तो ९ फीसदी की दर से ब्याज लगाया जाएगा।