scriptMobile use hours should be fixed for children as well as their father | बच्चों के साथ-साथ उनके पापा के लिए भी तय हो मोबाइल यूज के घंटे | Patrika News

बच्चों के साथ-साथ उनके पापा के लिए भी तय हो मोबाइल यूज के घंटे

locationभोपालPublished: Aug 07, 2023 12:22:22 am

Submitted by:

Mahendra Pratap

चीन में बच्चों को स्मार्टफोन यूज को लेकर नियम बनाने की तैयारी है। पत्रिका ने इस संबंध में भोपाल की करीब एक दर्जन कालोनियों में पैरेंट्स से बात की। वे बच्चों के मोबाइल इस्तेमाल से परेशान हैं। वे कहते हैं एंड्राइड फोन के इस्तेमाल पर नियम बनना चाहिए।

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छोटे बच्चों के लिए
-रोने से चुप कराने के लिए मोबाइल फोन न दें
-रेडियो, ऑडियो पॉडकास्ट या खिलौने दें
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बच्चों को अधिकतम कितने वक्त दें मोबाइल
8 साल तक-10-15 मिनट
8 से 16 साल-1.00 घंटा
16 से 18 साल-1.30 से 2.00 घंटा
भोपाल. कोहेफिजा की 65 वर्षीय दादी अपनों नाती-पोतों के मोबाइल एडिक्कशन से परेशान हैं। वह कहती हैं अब बच्चे पैदाइशी डिजिटल हो गए हैं। इसलिए सीमाएं तय करना जरूरी है। कुछ इसी तरह का जवाब एमपी नगर की बुजुर्ग महिला सरिता चौहान का भी है। वे कहती हैं बच्चों के साथ-साथ उनके मां-बाप पर भी मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक का नियम सरकार को बनाना चाहिए।
65 फीसद के पास 8घंटे मोबाइल
मोबाइल पर बच्चों का टाइम स्क्रीन कम करने के संबंध में पत्रिका के एक सर्वे में इसी तरह के कई अन्य सुझाव आए और समस्याएं उजागर हुईं। राजधानी की करीब एक दर्जन कालोनियों में मां-बाप से किए गए सर्वे में पता चला कि 92 प्रतिशत बच्चे खेल मैदान में खेलने की बजाय अब मोबाइल गेम खेलना पसंद करते हैं। करीब 82 प्रतिशत बच्चे स्कूल से लौटकर फोन मांगते हैं। जबकि, 70 प्रतिशत बच्चे खाना खाते हुए फोन देखते हैं। 9-13 वर्ष के बच्चों में करीब 65 प्रतिशत के पास ६ से आठ घंटे स्मार्टफोन रहता है।
मोबाइल लत से ऐसे पाएं छुटकारा
-जिस पॉकेट या जेब में फोन रखते हैं उसकी जगह कुछ दिनों के लिए बदल दें।
-स्मार्ट फोन की सेटिंग में जाकर बीप की नोटिफिकेशन बंद कर दें।
-अपने फोन से समय खराब करने वाले ऐप डिलीट करें।
-सोशल मीडिया के बजाय रियल लाइफ में दोस्तों से मिलें।
-दिन में कम से कम तीन ही नोटिफिकेशन देखने का समय तय करें।
मोबाइल एडिक्शन के लक्षण
-अकेले होने पर बोर होकर स्मार्टफोन यूज करना
-रात में फोन चेक करने के लिए कई बार उठना
-फोन से दूर होने पर गुस्सा या परेशान होना
-ज्यादा से ज्यादा समय फोन पर बिताना
-फोन यूज करने की टाइमिंग कंट्रोल न कर पाना
मेंटल हेल्थ के लिए खतरनाक
-व्यावहारिक और मानसिक दिक्कतें
-व्यवहार पर कंट्रोल कम
-सहिष्णुता की भावना में कमी
-एंजाइटी, डिप्रेशन, इनसोम्निया और रिश्तों में दरार पढ़ाई
-वर्कप्लेस पर परफॉर्मेंस में गिरावट
-ड्राइविंग के दौरान फोन का इस्तेमाल एक्सीडेंट्स की वजह
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एक्सपर्ट की सलाह
डॉ. जेपी अग्रवाल
विभागाध्यक्ष मनोचिकित्सा विभाग, जीएमसी
एंड्राइड फोन का अधिक इस्तेमाल मतलब अपनी पसंद का डिजिटल ड्रग लेना है। मोबाइल में देखी जाने वाली मनपसंद की चीज आनंद की अनुभूति देती है। इससे दिमाग में डोपामाइन नामक न्यूरोकेमिकल रिलीज होता है। यह खाना, शराब, धूम्रपान, ड्रग्स, वीडियो गेम, पोर्नोग्राफी या फोन देखते रहने से भी हो सकता है। मोबाइल न देखने पर कमोबेश, विड्रॉल सिम्प्टम भी दिखता है। क्योंकि दिमाग में आनंद और दर्द एक ही जगह प्रोसेस होते हैं। इसलिए फोन की लत लग जाने पर फोन छीनने पर दर्द, एंग्ज़ायटी (चिंता), निरुत्साह, अवसाद और चिढ़चिढ़ापन रहता है। इसके लिए डिजिटल डिटॉक्स ही उपाया है।
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