बरसात में तो यह मार्केट नरक बन जाता है। लाखों का सामान नुकसान होता है। मार्केट की छत पर शराबियों और नशेडिय़ों का अड्डा है। कुछ अवांछित तत्व मौका पाकर अय्याशी भी करते हैं। कुछ बोलने पर दुकानदारों से झगड़ा करते और धमकाते हैं। विगत वर्ष छज्जा गिरने से स्कूटर गैराज का कर्मचारी बाल-बाल बचा। गुप्ता फोटोस्टेट की छत का प्लास्टर टूटने से काफी नुकसान हो चुका है।
इसके सिवा फोटोफ्रेमिंग, टेलरिंग समेत कई अन्य दुकानों में भी गिरासू छत के चलते नुकसान हो चुके हैं। व्यापारियों का कहना है कि नगर निगम मार्केट का रेनोवेशन कराए और छत पर भी दुकानें बनाकर दे तो समस्याओं का समाधान हो सकता है। इसके लिए जो भी कीमत नगर निगम तय करेगा, उसका भुगतान करने के लिए दुकानदार तैयार हैं। रेनोवेशन के बाद सौंदर्यीकरण किया जाए। इससे ग्राहक और ज्यादा आकर्षित होंगे और व्यवसाय भी बढ़ेगा।
इनकी हालत ज्यादा खराब
– विगत वर्ष स्कूटर्स रिपेयर नईम की शॉप नम्बर ६०-६१ (जीना के नीचे) की छत से प्लास्टर टूटकर गिरा था, जिसमें हमारी गैराज का कर्मचारी मोहम्मद जाहिद बाल-बाल बचा थ। छज्जा और छत गिरासू है। यहां काम करने में मौत सिर पर मंडराती रहती है। न जाने कब हादसा हो जाए।
– विगत वर्ष स्कूटर्स रिपेयर नईम की शॉप नम्बर ६०-६१ (जीना के नीचे) की छत से प्लास्टर टूटकर गिरा था, जिसमें हमारी गैराज का कर्मचारी मोहम्मद जाहिद बाल-बाल बचा थ। छज्जा और छत गिरासू है। यहां काम करने में मौत सिर पर मंडराती रहती है। न जाने कब हादसा हो जाए।
– विष्णु अग्रवाल की फोटोफ्रेमिंग शॉप संख्या ६१ में हर साल बारिश में काफी कीमत का माल खराब हो जाता है। शटर बंद करने में डर लगता है। लोहे की रॉड से दूर से ही शटर गिराते हैं कि छत सिर पर न टपक जाए।
– कमलेश शर्मा के ज्योति स्टूडियो (दुकान सं. ९७) की पूरी छत खराब है। बरसात में काम चौपट हो जाता है। फोटो खींचते समय ग्राहक के सिर पर पानी गिरा नहीं कि ग्राहक नाराज हुआ। बहुत नुकसान होता है काम का। दुकान में बैठने से भी डर लगता है।
– भागचंद दांदवानी की आशीर्वाद इलेक्ट्रिकल्स, दुकान सं. ९० गिरासू है। बीच में बने कॉलम को ही देख लीजिए। कभी भी गिर सकता है। बरसात में पीछे की ओर से पानी आता है। – गुप्ता फोटोस्टेट, दुकान सं. १४७ को १९९४ से मनोज गुप्ता संचालित कर रहे हैं। पूर्व में प्लास्टर गिर चुका है। बरसात के पानी से फोटोस्टेट मशीनें खराब हो चुकी हैं। कई बार मरम्मत करवा चुका हूं। इस वर्ष भी मरम्मत न हुई तो छत गिर सकती है।
– राजस्थान मिष्ठान भंडार, दुकान सं. १३६-१४२ को श्रवण सिंह राजपुरोहित संचालित करते हैं। शाम ढलते छत और पीछे की ओर अवांछित तत्व दारूबाजी और अय्याशी करते हैं। पीछे मॉडल स्कूल है। कभी भी हादसा हो सकता है।
इस मार्केट की दुकानों को बने समय हो गया है। यांत्रिकी शाखा से पहले दुकानों का निरीक्षण कराया जाएगा, उसके बाद मरम्मत/पुनर्निमाण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
– हरीश गुप्ता, प्रवक्ता, नगर निगम
– हरीश गुप्ता, प्रवक्ता, नगर निगम