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मोदी सरकार का भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार , CBIC विभाग के भ्रष्टाचार व रिश्वत लेने वाले इन अधिकारियों को ये मिली सजा

locationभोपालPublished: Aug 27, 2019 10:54:39 am

Submitted by:

Amit Mishra

भ्रष्टाचार में ‘डूबे’ 22 कर अधिकारीसख्त हुई सरकार: सबसे ज्यादा भोपाल के 11 सीबीआइसी अफसर, 2 जयपुर के भी

मोदी सरकार का भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार, CBI और TAX विभाग के  भ्रष्टाचार व रिश्वत लेने वाले अधिकारियों को ये मिली सजा

मोदी सरकार का भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार, CBI और TAX विभाग के भ्रष्टाचार व रिश्वत लेने वाले अधिकारियों को ये मिली सजा

भोपाल/ केंद्र सरकार central government ने एक बार फिर again attacked भ्रष्टाचार corruption पर प्रहार किया है। इसी कड़ी में सोमवार को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) cbic के 22 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति Compulsory Retirement दे दी गई। इनमें सबसे ज्यादा 11 अफसर भोपाल के हैं। इन पर कथित रूप से भ्रष्टाचार व रिश्वत corruption bribery case जैसे आरोप हैं।

जानकारी के अनुसार अनिवार्य सेवानिवृत्ति में सुपरिटेंडेंट और एओ रैंक के अधिकारी हैं। भोपाल, नागपुर, बेंगलूरु, दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, मेरठ, मुंबई, बेंगलूरु कस्टम, मुंबई कस्टम जोन 2 और चंडीगढ़ जोन के अधिकारियों को बाहर करने के लिए फंडामेंटल रूल 56 (जे) अपनाया गया।

अब तक 64 नपे
जून में सीबीआइसी के 15 वरिष्ठ अफसरों पर एक्शन के बाद 27 अन्य राजस्व अफसर रिटायर किए गए, इनमें सीबीआइसी के 12 अधिकारी थे।

यह है फंडामेंटल रूल 56
50 से 55 वर्ष की उम्र और &0 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अफसरों को सरकार अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे सकती है। यह नियम पहले से प्रभावशील है।


इंदौर की एलोरा सिगरेट कंपनी में करोड़ों की कर चोरी का आरोप
भोपाल. भोपाल के बर्खास्त 11 में से 9 अफसरों पर तंबाकू कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपए के सिगरेट हर माह बिना बिल फैक्ट्री से निकलवाने का आरोप है। खुलासा 2010 में डायरेक्टर जनरल सेंट्रल एक्साइज इंटलीजेंस ने किया था।


इंदौर स्थित एलोरा कंपनी की सिगरेट फैक्ट्री में की गई जांच में उत्पादन और बिक्री में काफी अंतर मिला। तंबाकू सहित अन्य कच्चे माल की खरीद ज्यादा हुई थी, लेकिन उतना माल स्टॉक में नहीं था। बिल बुक में भी सिगरेट कम मात्रा में बिकी थी। जबकि कंपनी के कागजों में दर्शाई गई मात्रा से कहीं ज्यादा उत्पादन हुआ था। जांच में इन अधिकारियों का टैक्स चोरी कराने में शामिल होना पाया गया था।

PM Narendra Modi

इंदौर की एलोरा…..


दो अन्य पर आरोप
– एयू छापारगारे को महाराष्ट्र के बुलडाना शहर के एक व्यापारी से रिश्वत लेते सीबीआइ ने पकड़ा था। छापारगारे ने व्यापारी को पहले लाखों रुपए की टैक्स डिमांड नोट जारी की। बाद में टैक्स कम करने के लिए वे व्यापारी से रिश्वत मांग रहे थे। सूचना कारोबारी ने सीबीआइ को दी थी।

– गोविंद राम मालवीय को इंदौर के खेड़ा स्थित इनलैंड कंटेनर डिपो आइसीडी पदस्थ किया गया था। ये आयातित माल की कीमत कम बताकर कारोबारियों को टैक्स चोरी में मदद करते थे। जितना माल विदेश से आता था, उसकी पूरी जानकारी भी विभाग को नहीं देते थे।

24 घंटे फैक्ट्री पर ही तैनात रहते थे अफसर
सिगरेट पर उत्पाद कर ज्यादा होने के कारण अफसर फैक्ट्री पर 24 घंटे तैनात रहते थे। उनके हस्ताक्षर के बाद ही सिगरेट की खेप निकाली जाती थी। आरोप है कि अफसरों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए की खेप कंपनी से निकाल दी जाती थी।

इन्हें दी गई अनिवार्य सेवानिवृत्ति
नागपुर जोन
(भोपाल में पदस्थ अधीक्षक)
केके उइके, एसआर पराते

सीजीएसटी भोपाल जोन
(भोपाल में पदस्थ अधीक्षक)
कैलाश वर्मा, केसी मंडल, एमएस दामोर, आरएस गोगिया, किशोर पटेल, जेसी सोलंकी, एसके मंडल, गोविंद राम मालवीय व एयू छापारगारे।


सीजीएसटी चेन्नई जोन
एस. अशोकराज

सीजीएसटी बेंगलूरु जोन
दीपक एम गानेयान

सीजीएसटी दिल्ली जोन
प्रमोद कुमार

जीएसटी एंड सेंट्रल एक्साइज जोन जयपुर
मुकेश जैन व नवनीत गोयल

जीएसटी एंड सेंट्रल एक्साइज कोलकाता जोन
अचिंत्य कुमार परमानिक

सीजीएसटी मेरठ जोन
वीके सिंह
बेंगलूरु कस्टम जोन
डी अशोक

मुंबई कस्टम जोन टू
लीला मोहन सिंह
एओसीजीएसटी चंडीगढ़ जोन
वीपी सिंह अधीक्षक

सीजीएसटी एंड सेंट्रल एक्साइज मुंबई
डीआर चतुर्वेदी

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