पुतला बनाने वाले देवी सिंह कीर ने बताया कि कुंभकरण हाथ हिलाने के साथ ही मुंह से वानरों को निगलेगा और नाक-कान से निकालेगा। समिति अध्यक्ष प्रेमशंकर साहू ने बताया कि दशहरा उत्सव में 50 फीट रावण व 45-45 फीट मेघनाद, कुंभकरण के पुतलों के साथ ही शुजालपुर की अतिशबाजी व सीहोर की लाइट आकर्षण का केन्द्र होगी। दशहरा पर्व पर यहां करीब 30 हजार लोग रावण दहन देखने आते हैं।
मंचन के बाद रावण दहन
दशहरा मैदान पर विजया दशमी के दिन मंच पर भगवान राम और रावण की सेना के बीच युद्ध का मंचन होगा। यह वार्ड 02 स्थित रामदेव बाबा मंदिर रामलीला समिति के पात्रों द्वारा किया जाएगा। आतिशबाजी के साथ कुंभकरण, मेघनाद, रावण के पुतलों का दहन किया जाएगा। बच्चों के मनोरंजन और पर्व को आकर्षक बनाने कुंभकरण का पुतला होशंगाबाद के करीगरों से बनवाया है। इससे पहले शाम 7 बजे पटेल नगर स्थित मैदान पर छोटे स्वरूप में रावण का दहन किया जाएगा।दोपहर 2 बजे से शुरू होगा चल समारोह
दशहरा उत्सव का शुभारंभ चल समारोह के साथ होगा। 19 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे वार्ड 23 स्थित बाल बिहार मैदान से चल समारोह शुरू होगा। इसमें बंैड और ढोल के साथ एक रथ पर भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान जी की सेना होगी तो दूसरे पर रावण अपनी सेना के साथ चलेगा। चल समारोह में ईश्वरीय ब्रम्हकुमारी संस्थान की सजीव नवदेवी झांकी आकर्षण का केन्द्र होंगी। चल समारोह रेलवे ओवर ब्रिज, शनिवार बाजार, गांधी चौक, राम नगर, मंगल बाजार, इंद्रा नगर, पटेल नगर, हाइवे से होते हुए करीब 8 बजे दशहरा मैदान पहुंचेगा। इस दौरान चल समारोह का विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया जाएगा।