ये सुनने में अजीब लगे, पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) द्वारा अगस्त 2018 में की गई जांच में इसका खुलासा हुआ। एनएचएम ने जिकित्जा द्वारा दी गई स्टेटस रिपोर्ट की जांच की तो पाया कि कंपनी झूठे आंकड़े पेश कर रही है। गौरतलब है कि पत्रिका ने जिकित्जा द्वारा जून और जुलाई महीने में किए गए फर्जीवाड़े को उजागर किया था। इसके बाद एनएचएच ने अगस्त की रिपोर्ट की जांच की तो खुलासा हुआ है।
एक मिनट में 43 किमी की दूरी कैसे संभव
रिपोर्ट के अनुसार 293 जननी एक्सप्रेस के 523 मामलों में बेस लोकेशन से घटना स्थल तक जाने के लिए एक मिनट में 43 किमी की दूरी तय की गई। वहीं कुछ जननी एक्सप्रेस ने 30 मिनट में 83 किमी की दूरी तय करने का दावा किया जो कि संभव ही नहीं है।
523 केस फर्जी निकले
एनएचएम की जांच में सामने आया कि अगस्त माह में जननी एक्सप्रेस द्वारा 523 केसों में फर्जीवाड़ा किया गया। इनमें मनमर्जी से दूरी दर्शाई गई या मरीजों को लाभ नहीं मिलने के बाद भी इसकी एंट्री की गई।
मधुसूदनगढ़ से जबलपुर भर्ती किया गया
एनएचएम ने साफ किया है कि जिकित्जा कंपनी फर्जीवाड़ा कर रही है। जांच में सामने आया कि मधुसूदनगढ़ की एंबुलेंस मरीज को गुना ले जाने की बजाय जबलपुर में भर्ती करवा रही है, जबकि अति गंभीर स्थिति में मरीज को इंदौर या भोपाल में भी एडमिट किया जा सकता था। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पूरी तरह से संदेहास्पद है।
– बैतूल जिले की एंबुलेंस ने कॉल सेंटर को गलत जानकारी दी और वाहन का दुरुपयोग किया
– गुना एंबुलेंस ने एनएचएम को गलत रिपोर्ट देकर गुमराह किया
– 523 केस में एंबुलेंस ने गलत जानकारी दी
– 60 केस में मरीज आए ही नहीं फिर भी इसकी रिपोर्टिंग की गई
भौतिक सत्यापन में कई गड़बडिय़ां मिलीं हैं। एंबुलेंस के चालाकों द्वारा दी गई लोकेशन, टाइम और डिस्टेंस की जांच की। इस हिसाब से एंबुलेंस एक मिनट में 43 किमी तक चल रही है। इस बारे में कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा है।
डॉ.़ ब्रजेश सक्सेना,मुख्य प्रशासकीय अधिकारी, एनएचएम
इसकी जांच कराएंगे
हम सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं। आंकड़ों की गड़बड़ी हो सकती है, हम भी इसकी जांच कराएंगे।
जितेन्द्र शर्मा, प्रोजेक्ट हेड, जिकित्जा हेल्थ केयर