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राहत की जगह पिछला बकाया जोड़कर थमा दिया ज्यादा बिल

locationभोपालPublished: Oct 23, 2019 02:20:02 am

Submitted by:

Pushpam Kumar

बिजली: सॉफ्टवेयर में तकनीकी दिक्कत

राहत की जगह पिछला बकाया जोड़कर थमा दिया ज्यादा बिल

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भोपाल. सरकार की 100 यूनिट बिजली खपत पर 100 रुपए बिल की योजना के बिल लोगों को खुश कर रहे हैं तो तकनीकी गड़बड़ी से पिछली बकाया के साथ उपभोक्ताओं को भारी भरकम राशि के बिल झटके भी मार रहे हैं। अक्टूबर में करीब 40 हजार उपभोक्ताओं को पिछली बकाया राशि के बिल पहुंचे हैं, जबकि उन्होंने राशि जमा कर दी है। हालांकि बिजली कंपनी के अफसर उपभोक्ताओं से जोन कार्यालय में शिकायत करने की बात कह रहे हैं। दरअसल अक्टूबर से शासन इंदिरा गांधी ज्योति योजना के तहत लोगों को सब्सिडी वाले बिल भेज रहा है। इसका लाभ सभी उपभोक्ताओं को मिल रहा है। अक्टूबर के बिल के लिए बिलिंग एंड रीडिंग ठेका एजेंसियों ने अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव किए। इसमें ही करीब दस फीसदी उपभोक्ताओं के बिलों में गड़बड़ आ गई। ये उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले माह का बिल या तो जमा नहीं कराया है या फिर देरी से जमा कराया। इसके साथ जिन उपभोक्ताओं की बिजली खपत 150 यूनिट से अधिक है, उनमें से भी कई के बिल भारी भरकम राशि वाले हो गए। योजना के तहत उपभोक्ता की बिजली खपत 30 दिन में 150 यूनिट से अधिक हुई तो वह योजना के लाभ से वंचित रह जाएगा। इसके आधार पर ही सॉफ्टवेयर में अपडेटेशन किया गया। अब जिन उपभोक्ताओं की बिजली खपत 30 दिन में 150 से अधिक हो गई, उनके बिल तय टैरिफ से ही बनने हैं। सॉफ्टवेयर में दो तरह की बिलिंग जनरेशन से दिक्कत आई। कंपनी के चीफ जनरल मैनेजर डीपी अहिरवार का कहना है कि यदि तकनीकीतौर पर कोई गड़बड़ हुई है तो वह स्वत: ही ठीक हो जाएगी। उपभोक्ता अपने नजदीकी बिजली केंद्र जाकर भी दिक्कत दूर करा सकता है। राजधानी में बिजली कंपनी के साढ़े चार लाख उपभोक्ता है।
ऐसे समझें बिल की राशि कैसे भारी पड़ी
आम्र एस्टेट निवासी उपभोक्ता दिनेश चौधरी को सितंबर में 183 यूनिट खपत पर 1361 रुपए बिल बना था। इन्होंने दस अक्टूबर को राशि जमा कराई। 22 अक्टूबर को इन्हें नया बिल जारी हुआ, जिसमें 137 यूनिट की खपत पर इन्हें योजना का लाभ मिला और शासन से 510 रुपए की सब्सिडी देते हुए अक्टूबर माह का 298 रुपए का बिल बना। लेकिन पिछले माह की बकाया राशि के नाम पर 1354 रुपए जोडकऱ बिल 1669 रुपए का बना दिया। इसी तरह के कई अन्य उदाहरण है।
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