बीते सालों के मुकाबले इस वर्ष जहां प्रदेश को मिलने वाला हज कोटा बढ़ वहीं दूसरी ओर हज आवेदन कम रहे। इस वर्ष पिछले साल के मुकाबले करीब चार आवेदन कम थे। इस वर्ष प्रदेश को 4864 का हज कोटा मिला है।
इनमें से 710 आवेदकों का चयन रिजर्व केटेगरी के तहत हो गया। शेष 4154 सीटों के लिए 12601 आवेदन में से चयन किया गया। पहली बार हज कुरआ अल्फाबेटिकल तरीके से जिलों के कोटे के मुताबिक निकाला गया।
पूरी हो गई वर्षों पुरानी मुराद हज कुरआ में अपना नाम निकलने पर हाजियों के चेहरों पर मिलीजुली प्रतिक्रिया नजर आईं। जहां उनके चेहरों पर अल्लाह के घर के इस बुलावे के लिए खुशी छलक रही थी, वहीं आंखों में खुशी के आंसुओं ने नमी के हालात बना दिए थे।
लबों पर अल्लाह का शुक्र लिए डॉ. अजीज मंसूरी ने कहा कि उस मुकद्दस जगह के दीदार के लिए दिल में बचपन से ही तमन्ना थी, लेकिन अल्लाह ने मौका अब मौका दिया। पिछले तीन साल से लगातार अर्जियां लगा रहे थे।
हज के लिए चुने गए रफीक अहमद राजा ने कहा कि अल्लाह से यही दुआ है कि सभी हाजियों का सफर कामयाब हो और उनकी अल्लाह के घर की यह हाजिरी कुबूल हो। उन्होंने कहा कि उन लोगों के लिए भी दुआ की, जिनके नाम कुरआ में आने से बाकी रह गए हैं।