बताया जा रहा है कि इस प्रकार प्रदेश की 22 हजार 809 ग्राम पंचायतों में से 22 हजार 484 में एक लाख 86 हजार 12 रोजगार मूलक कार्य संचालित किए जा रहे हैं, इनमें 22 लाख 44 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। इनमें अन्य प्रदेशों से लौट कर आए तथा प्रवासी श्रमिकों की संख्या लगभग साढे़ तीन लाख है।
अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि 20 अप्रैल को भारत सरकार द्वारा मनरेगा कार्यों की गाइडलाइन जारी करने के बाद से मध्यप्रदेश में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार गतिविधियों को और तेजी से प्रारंभ किया गया है इसी का परिणाम है कि 99 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में रोजगार गतिविधियों प्रारम्भ हो चुकी हैं।
मजदूरी के रूप में 829 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान जानकारी के अनुसार, मनरेगा के तहत अभी तक 829.84 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान श्रमिकों को किया जा चुका है। इसमें 439 करोड़ 84 लाख रुपये की राशि चालू वित्तीय वर्ष और 390 करोड़ रुपये की गत वर्ष की मजदूरी का भुगतान किया गया है। इसके अतिरिक्त 391 करोड़ रुपये की सामग्री का भुगतान भी किया जा चुका है।
चार जिलों की शत प्रतिशत पंचायतों में चल रहे रोजगार मूलक कार्य अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मनरेगा के तहत प्रदेश के 4 जिले अशोकनगर, इंदौर, कटनी और पन्ना की सभी ग्राम पंचायतों में रोजगार मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इसके तहत अशोकनगर जिले की सभी 334 ग्राम पंचायतों में 2 हजार 874 कार्य प्रगतिरत हैं, जिनमें 27 हजार 173 श्रमिक रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
इसी प्रकार इंदौर जिले की सभी 312 ग्राम पंचायतों में 1 हजार 508 कार्य कराए जा रहे हैं जिनमें 16 हजार 222 श्रमिक, कटनी जिले की सभी 407 पंचायतों में 5 हजार 335 कार्य जिनमें 59 हजार 549 श्रमिक, पन्ना जिले की 395 ग्राम पंचायतों में 3 हजार 223 कार्य जिनमें 28 हजार 178 श्रमिक कार्यरत हैं।