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एमपी में दौड़ेंगी साढ़े 5 सौ से ज्यादा नई बसें, आने-जाने में आ रही झंझट होगी खत्म

new e bus मध्यप्रदेश में आने-जाने में आ रही परेशानियां जल्द ही खत्म हो जाएंगी। प्रदेश में साढ़े 5 सौ से ज्यादा नई बसें दौड़ेंगी जिससे ना​गरिकों की सहूलियत बढ़ जाएगी।

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मध्यप्रदेश में आने-जाने में आ रही परेशानियां जल्द ही खत्म हो जाएंगी। प्रदेश में साढ़े 5 सौ से ज्यादा नई बसें दौड़ेंगी जिससे ना​गरिकों की सहूलियत बढ़ जाएगी। ये सभी इलेक्ट्रिक बसें यानि ई बसें होंगी जिससे ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण भी कम होगा। पीएम ई-बस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार की सहायता से इन बसों का संचालन किया जाएगा। राजधानी भोपाल और व्यवसायिक राजधानी इंदौर सहित प्रदेश के आधा दर्जन बड़े शहरों में ये बसें चलाई जाएंगी। नए साल में ई-बसें शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। खास बात यह है कि सभी ई बसें एसी होंगी।

पीएम ई-बस योजना में देशभर में 10 हजार इलेक्ट्रिक बसें चलाने का लक्ष्य है। इसके अंतर्गत पीपी मॉडल पर मध्यप्रदेश में भी 552 बसें चलाई जाएंगी। इनमें इंदौर में सबसे ज्यादा 150 बसें चलाई जाएंगी जबकि भोपाल और जबलपुर में 100—100 बसें चलेंगी। प्रदेश के ग्वालियर, उज्जैन और सागर में भी ई बसें चलाने की योजना है।

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पीएम ई-बस योजना के तहत चलाई जानेवाली ई बसों के लिए तैयारियां अब तेज हो गई हैं। बसों का संचालन जल्द शुरू करने के लिए ऑपरेटर–टिकटिंग एजेंसी आदि की कवायद की जा रही है।

एमपी की सभी 552 ई बसें केंद्र सरकार ही देगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार, राज्य को ई बसों के संचालन के लिए 12 साल तक ऑपरेशनल एंड मेंटेनेंस कॉस्ट भी देगी। फरवरी में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार आधा दर्जन बड़े शहरों में ई बसें चलाने का फैसला ले चुकी है। नई इलेक्ट्रिक बसें 9 मीटर और 7 मीटर लंबाई की होंगी। 9 मीटर वाली ई बसें सिंगल चार्ज में 180 किमी चलेंगी जबकि 7 मीटर वाली बसें 160 किमी चलेंगी। इन ई बसों की बिजली सप्लाई सेपरेट रहेगी जिसका खर्च भी केंद्र सरकार उठाएगी। इस योजना में ई-बसों का धीरे-धीरे विस्तार किया जाएगा।