देश का दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों को निहारने और कुछ दिन मप्र में गुजारने वालों की संख्या इस साल सितंबर तक एक करोड़ 53 लाख 55 हजार 999 है। हालांकि ये आंकड़ा पिछले साल की तुलना में करीब 60 लाख से कम है। 2020 में दो करोड़ 13 लाख तीन हजार 777 पर्यटक आए थे।
कोरोना के चलते विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है। वर्ष 2020 में मप्र आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 96916 थी, इस साल 8421 विदेशी पर्यटक ही मप्र आए। वर्ष 2019 में मप्र का रुख करने वाले पर्यटकों की संख्या 8 करोड़ 87 लाख 7 हजार 139 थी। विदेशी पर्यटक 327958 थी। दो साल में संख्या में कमी आई है।
इसलिए विशेष है मैहर
मैहर में माता शारदा मंदिर है. इस पवित्र मंदिर में जगत माता शारदाम्बिका की उपासना की जाती है। मान्यता है कि माता सती के शरीर के अंग और उनके आभूषण भूमि पर जहाँ भी गिरे वहाँ शक्ति पीठ स्थापित हुए. मैहर का माता शारदा का मंदिर विंध्य पर्वत श्रेणी के त्रिकूट पर्वत की चोटी पर स्थित है जहाँ माता सती के गले का हार गिरा था. इस कारण स्थान का नाम मैहर (माई का हार) पड़ा. मैहर में माता शारदा के वर्तमान मंदिर की स्थापना सन् 502 में हुई थी. इसे मध्य भारत का श्रृंगेरी मठ भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ विराजित माता शारदाम्बिका श्रृंगेरी की पूज्य देवी का ही रूप मानी जाती हैं. इस मंदिर में श्रृंगेरी मठ की पूजा पद्धति के समान ही तीन प्रहर की पूजा की जाती है. विद्वानों और मंदिर से जुड़े लोगों का यह भी मानना है कि आदि शंकराचार्य ने सबसे पहले मैहर में माता शारदा की विशेष पूजा की थी.
मैहर में माता शारदा मंदिर है. इस पवित्र मंदिर में जगत माता शारदाम्बिका की उपासना की जाती है। मान्यता है कि माता सती के शरीर के अंग और उनके आभूषण भूमि पर जहाँ भी गिरे वहाँ शक्ति पीठ स्थापित हुए. मैहर का माता शारदा का मंदिर विंध्य पर्वत श्रेणी के त्रिकूट पर्वत की चोटी पर स्थित है जहाँ माता सती के गले का हार गिरा था. इस कारण स्थान का नाम मैहर (माई का हार) पड़ा. मैहर में माता शारदा के वर्तमान मंदिर की स्थापना सन् 502 में हुई थी. इसे मध्य भारत का श्रृंगेरी मठ भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ विराजित माता शारदाम्बिका श्रृंगेरी की पूज्य देवी का ही रूप मानी जाती हैं. इस मंदिर में श्रृंगेरी मठ की पूजा पद्धति के समान ही तीन प्रहर की पूजा की जाती है. विद्वानों और मंदिर से जुड़े लोगों का यह भी मानना है कि आदि शंकराचार्य ने सबसे पहले मैहर में माता शारदा की विशेष पूजा की थी.
देशी पर्यटकों के पसंदीदा पर्यटन स्थल
स्थल पर्यटक
मैहर 4400000
चित्रकूट 1863551
भोपाल 1373443
सलकनपुर 815572
उज्जैन 1088387
इंदौर 787653
मांडू 608826
ओंकारेश्वर 567000
शिवपुरी 259181
अमरकंटक 556368
जबलपुर 498960
पन्ना 318191
ग्वालियर 165844
खजुराहो 146587
कान्हा 110935 यह भी पढ़ें : अस्पतालों में रोज दम तोड़ रहे 37 नवजात
स्थल पर्यटक
मैहर 4400000
चित्रकूट 1863551
भोपाल 1373443
सलकनपुर 815572
उज्जैन 1088387
इंदौर 787653
मांडू 608826
ओंकारेश्वर 567000
शिवपुरी 259181
अमरकंटक 556368
जबलपुर 498960
पन्ना 318191
ग्वालियर 165844
खजुराहो 146587
कान्हा 110935 यह भी पढ़ें : अस्पतालों में रोज दम तोड़ रहे 37 नवजात