इस बार ऐसा ही कुछ देश के कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। भले ही इस बार लोकसभा चुनावों को लेकर पार्टियां तैयारियों के साथ मैदान में आ डटीं हैं।
लेकिन कुछ ऐसे नेता भी हैं, जो ऊंचाईयों के शीर्ष तक पहुंचने के बावजूद इस बार चुनाव से दूरी बनाए बैठे हैं। कुल मिलाकर इस बार यानि 2019 का लोकसभा चुनाव काफी मायनों में अलग रहने के साथ ही रोचक रहेगा।
जानकारों की माने तो इस बार का लोकसभा चुनाव मुख्य रूप से मध्यप्रदेश के लिहाज से बहुत ही दिलचस्प कहा जा सकता है। जिसके चलते चुनाव के बाद प्रदेश के छह दिग्गज नेता इस बार लोकसभा में नजर नहीं आएंगे।
इनमें 9 बार लोकसभा सदस्य रहे कांग्रेस के कमलनाथ और 8 बार की सुमित्रा महाजन के बिना 17वीं लोकसभा रहेगी। प्रदेश के ये दो दिग्गज नेता देश के एन चंद चुनिंदा नेताओं में शुमार हैं जो सबसे ज्यादा समय तक लोकसभा के सदस्य रहे हैं।
दरअसल पिछले चार दशकों से भारत की संसद में इन चेहरों की मौजूदगी रही है, लेकिन इस बार ये चेहरे लोकसभा में नजर नहीं आएंगे।
ऐसे में जहां कमलनाथ, अटल बिहारी वाजपेयी और सोमनाथ चटर्जी के क्लब में शामिल नहीं हो पाए तो सुमित्रा महाजन, जार्ज फर्नांडिस और माधवराव सिंधिया की बराबरी करने से रह गईं।
इनके अलावा सुषमा स्वराज और उमा भारती भी लोकसभा में दिखाई नहीं देंगी। वहीं प्रदेश से कम से कम 12 नेता ऐसे होंगे जो पहली बार संसद की सीढिय़ा चढेंग़े।
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क्लब में शामिल नहीं: लोकसभा में नजर नहीं आएंगे ये चेहरे…
1. कमलनाथ : प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ लोकसभा नहीं बल्कि विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। कमलनाथ 1980 में पहली बार नौंवी लोकसभा के सदस्य बने थे। वे नौं बार छिंदवाड़ा से लोकसभा के लिए चुने गए हैं।
बीच का कुछ समय छोड़ दें तो वे पिछले 38 सालों से संसद का चेहरा रहे हैं, एक बार वे भाजपा के सुंदरलाल पटवा से चुनाव हारे थे। अगली लोकसभा में अब वे नजर नहीं आएंगे।
ऐसे में कमलनाथ 10दसवीं बार लोकसभा सदस्य वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी,पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और कांग्रेस नेता पीएम सईद के क्लब में शामिल नहीं हो पाए।
2. सुमित्रा महाजन : वहीं दूसरी ओर इंदौर से लगातार आठ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचीं। पिछले 30 साल से वे लगातार संसद की सदस्य रही हैं। 1989 में वे पहली बार सांसद चुनीं गईं तब से लेकर अब तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और संसद का चेहरा बनी रहीं।
लेकिन इस बार वे भी भाजपा के 75 पार के फॉर्मूले की जद में आ गईं और उनका टिकट कट गया। ऐसे में महाजन पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया, जॉर्ज फर्नांडिस और कांग्रेस नेता गिरधर गमांग की बराबरी नहीं कर पाईं। ये नेता 9 बार संसद के सदस्य रहे हैं।
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3. सुषमा स्वराज : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज लगातार दस साल से विदिशा सांसद रही हैं। सुषमा दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रही हैं। स्वास्थ्य का हवाला देते हुए वे इस बार वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहीं।
सुषमा की जानकारी और भाषण शैली ने उनको अच्छे वक्ता के रुप में स्थापित किया है। नए सदस्य अब सुषमा के भाषणों से महरुम रह जाएंगे। मध्यप्रदेश की सांसद के रुप में वे ऐसी पहली महिला हैं जो विदेश मंत्री की कुर्सी तक पहुंची हैं।
4. उमा भारती : भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती भी इस बार लोकसभा चुनाव से नदारद हैं। उमा भारती प्रदेश की धाकड़ नेताओं में शुमार हैं। उनके नेतृत्व में ही भाजपा ने दिग्विजय शासनकाल को उखाड़कर प्रदेश में सत्ता हासिल की थी।
वे हार्डकोर हिंदुत्व का चेहरा भी मानी जाती हैं। 2014 में वे उ:त्तरप्रदेश के झांसी से सांसद बनीं लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया। वे अगले पांच साल गंगा के लिए काम करेंगी।
इन्हें पार्टी ने नहीं दिया टिकट…
5. अनूप मिश्रा : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा भी टिकट कटने के शिकार हो गए। पिछली बार वे मुरैना से सांसद थे, लेकिन इस बार उनकी जगह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर चुनाव लड़ रहे हैं।
भारत रत्न अटल के निधन के बाद भाजपा ने पूरे देश में खासतौर पर मध्यप्रदेश में खूब सहानुभूति बटोरी। जनता के बीच उनके अस्थि कलश भेजे गए लेकिन चुनाव में पार्टी ने उनको बिसरा दिया और उनके भांजे अनूप मिश्रा तक का टिकट काट दिया।
6. ज्ञान सिंह : शहडोल सांसद ज्ञान सिंह भी अब भाजपा की चुनावी राजनीति से बाहर हो गएहैं। :ज्ञान सिंह सरल लेकिन भाजपा के बड़े आदिवासी चेहरे माने जाते रहे हैं। भाजपा ने उनको किनारे कर कांग्रेस से आईं हिमाद्री सिंह को टिकट दे दिया। इससे ज्ञान सिंह दुखी हुए और नाराज भी लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।
ये रहे लोकसभा में सबसे ज्यादा समय तक सांसद :
11 बार सांसद :
इंद्रजीत गुप्ता : सीपीआई नेता इंद्रजीत गुप्ता सबसे ज्यादा बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं। वे 11 बार लोकसभा में चुनकर गए। वे पश्चिम बंगाल से आते थे। 10 बार सांसद :
– अटल बिहारी वाजपेयी – भाजपा
– सोमनाथ चटर्जी – सीपीआई-एम
– पीएम सईद – कांग्रेस
– माधवराव सिंधिया – कांग्रेस
– जॉर्ज फर्नांडिस – जेडीयू
– गिरधर गमांग – कांग्रेस MUST READ : MP की 9 लोकसभा बनी हॉट सीट, 1 पर पूरे देश की तो 8 पर टिकी प्रदेश की नजर