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57 साल के इस युवा के सामने छुक जाता है शिखर, पढ़़ें इनकी सक्सेस स्टोरी

locationभोपालPublished: Aug 14, 2017 08:11:00 am

Submitted by:

Juhi Mishra

कभी एथलेटिक्स में कारनामे दिखाने वाले राठौर अब पहाडिय़ों को ही ट्रैक समझते हैं। शौक के लिए शुरू किया काम अब जुनून बन चुका है।

Mountaineer Jagdish Kumar Rathore

Mountaineer Jagdish Kumar Rathore

 मुकेश विश्वकर्मा
भोपाल। उम्र 57 साल, फिर भी गंगोत्री ग्लेशियर के माउंट केदार डोम को छूने का जज्बा। ये हैं भोपाल के पर्वतारोही जगदीश कुमार राठौर। उम्र को मात देते हुए यह पर्वतारोही ऊबड़-खाबड़ रास्ते से होकर 6940 मीटर ऊंचे माउंट केदार डोम पर पहुंचने भोपाल से 14 अगस्त को निकलेंगे। राठौर का चयन रेलवे पर्वतारोही अभियान में टेक्निकल मेंबर क्लाइंबर और अरेंजमेंट्स इंचार्ज के रूप में हुआ है। उनके साथ इस अभियान में नौ मेंबर्स भी शामिल रहेंगे।
एथलीट से बने पर्वतारोही
कभी एथलेटिक्स में कारनामे दिखाने वाले राठौर अब पहाडिय़ों को ही ट्रैक समझते हैं। शौक के लिए शुरू किया काम अब जुनून बन चुका है। पर्वतारोहियों को पहाड़ों का रास्ता दिखाने वाले जगदीश ने कई बार देशी और विदेशी पर्यटकों को चोटियों तक पहुंचाया। पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से बेसिक कोर्स करने के बाद उन्होंने दार्जीलिंग से एडवांस कोर्स किया। राष्ट्रीय स्तर के पर्वतारोहण अभियान में भाग लेने लगे। जगदीश बताते हैं यह अभियान खतरों भरा होगा। यहां जगह-जगह फिसलन होती है, जिससे हर साल कई क्लांबर मिस होते रहते हैं।
खतरनाक होगा सफर
अभियान के लिए 14 अगस्त को भोपाल से रवाना होंगे। 19 को गंगोत्री के लिए रवाना होंगे। गंगोत्री लास्ट रोड हेड है। यहां से भोजवासा तक 13 किमी की ट्रेकिंग पर निकलेंगे, जिसकी हाइट 4000 मीटर होगी। यहां से गंगोत्री ग्लेशियर के बाजू में तपोवन पहुंचेंगे। यहां से बेस कैंप शुरू होगा, हाइट 4600 मी. रहेगी।
15 बार छू चुके शिखर
जगदीश कुमार ने 1993 से 2016 तक 15 शिखर अभियानों में सात बार पर्यटकों को शिखर तक पहुंचाया। उन्हे दो बार ग्रेड ए व एक बार ग्रेड बी मिली। वे सात बार विदेशी पर्यटकों के साथ पर्वतारोहण किया। उन्होंने थालेय सागर (गंगोत्री), कुन (लेह-लद्दाख), सातोपंथ (गंगोत्री) आदि शिखरों पर पहुंचने में सफल रहे।
इस साल कम हो गया आंकड़ा
इस साल कुल 92 पर्वतारोहियों को एवरेस्ट पर चढऩे की इजाजत नेपाल सरकार ने दी जो कि पिछले साल से 8 कम है। पिछले साल 100 लोगों को चढऩे की अनुमति दी गई थी। 29 मई 1953 को पहली बार माउंट एवरेस्ट पर न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और नेपाली मूल के भारतीय नागरिक तेनसिंह नोर्गे शेरपा चढ़े थे। उसके बाद से अब तकक 3,448 पर्वतारोही 5,585 बार एवरेस्ट पर चढ़ चुके हैं। नेपाल के अप्पा शेरपा ने 21 बार माउंट एवरेस्ट पर चढऩे का रिकॉर्ड कायम किया।
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