त्योहारी सीजन में एक बार फिर खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी शुरू हो गई है। डॉ. मनीष जैन ने बताया कि उपभोक्ताओं को बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। मीठा खाने के लिए बाजार में बिकने वाली कई तरह की मिठाईयां हम खरीदते हैं, लेकिन हर किसी के मन में डर रहता है कि कहीं यह मिठाई मिलावटी तो नहीं। मिठाइयों में होने वाली ये मिलावट सेहत को इस तरह से नुकसान पहुंचाती है।
दूध में यूरिया की मिलावट
दूध में आमतौर पर यूरिया की मिलावट होती है। इससे पाचनतंत्र और किडनी को नुकसान होता है। किसी समतल साफ सतह पर दूध की एक बूंद टपकाएं, दूध शुद्ध होगा तो वह सीधी पंक्ति में बहेगा और अपने पीछे एक सफेद गाढ़ी छाप छोड़ेगा। साथ ही सिंथेटिक दूध की पहचान करने के लिए उसे सूंघें। अगर साबुन जैसी गंध आ रही है तो इसका मतलब है कि दूध सिंथेटिक है जबकि असली दूध में कुछ खास गंध नहीं आती। अगर असली दूध को उबालें तो इसका रंग नहीं बदलता, वहीं नकली दूध उबालने पर पीले रंग का हो जाता है।
ऐसे जानें शुद्धता पनीर या खोए की शुद्धता
खोए (मावा) से बनी मिठाई या पनीर पर आयोडीन की 5-7 बूंदें डालें। अगर उनका रंग नीला हो जाए तो उनमें मिलावट है वर्ना वे शुद्ध हैं। वहीं चांदी के वर्क में अक्सर एल्युमीनियम की मिलावट होती है। वर्क को अंगुलियों या हथेली पर मसलें। अगर वह गायब हो जाता है तो समझें कि वह असली है और अगर उसकी गोली बन जाती है तो वह नकली है।