मप्र से गेहूं उठा रहे हैं निर्यातक
पंजाब, हरियाणा जैसे गेहूं उत्पादन वाले राज्यों को छोड़कर अब वे मप्र से गेहूं खरीद रहे हैं। इसी के चलते प्रदेश के बाजारों में गेहूं के मूल्यों में उछाल आया है। इसके चलते मंडियों में गेहूं की आवक बढ़ी है। अच्छे किस्म के गेहूं की कीमतें भी 2 हजार रुपए से लेकर 4 हजार रुपए तक है। यहां मंडी शुल्क भी डेढ़ प्रतिशत है। इससे निर्यातकों को यहां से गेहूं उठाना भी भारी नहीं पड़ रहा है। हालांकि सरकार ने निर्यातकों के मंडी शुल्क माफ करने का निर्णय लिया है।
लाइसेंस फीस में छूट देने का प्रस्ताव
सरकार निर्यात के लाइसेंस लेने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट देने जा रही है। प्रस्ताव के अनुसार कारोबारियों को एक हजार रुपए में लाइसेंस मिलेगा। इसके अलावा एक अप्रैल से 30 जून तक गेहूं खरीदी कर निर्यात करने पर मंडी शुल्क भी सरकार मांफ करेगी। हालांकि ये निर्णय सिर्फ एक वर्ष के लिए किया गया है, लेकिन अब इसे प्रति वर्ष लागू करने का प्रस्ताव है। क्योंकि प्रति वर्ष इसी सीजन में गेहूं की खरीदी की जाती है। एक माह के अंदर निर्यात के लिए 110 कारोबारियों ने राजिस्ट्रेशन कराया है, इसमें से 15 लोगों ने गेहूं का निर्यात भी किया है।
किसानों तक पहुंच बढ़ाएगी सरकार
अनाज निर्यात के लिए सरकार किसानों तक पहुंच बढ़ाएगी। इससे किसान अनाज की बिक्री के लिए समर्थन मूल्य पर आश्रित न रहे, वे खुद अपने अनाजों का दाम तय करेंगे। किसानों को अपना के उत्पादन से लेकर उसकी ग्रेडिंग, पैकेजिंग और उसके रख-रखाव को बनाए रखने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देगी। इसके लिए सरकार एक जिला एक उत्पाद के आधार पर रोडमैप तैयार कर रही है। जिसमें किसान, निर्यातक और सरकार तीनों एक प्लेटफार्म पर रहेंगे।
फैक्ट फाइल ----निर्यात की स्थिति
प्रदेश-----वर्ष 2020-21---------2021-22वर्ष --- मात्र मीट्रिक टन में
मप्र -----190-----------------------700
उत्तर प्रदेश ---104965---------------124564
पंजाब -----00-----------------------00
हरियाणा------21.77------------------19.62
रजस्थान -----00-----------------------00