चेतन्य कुमार कश्यप के सवालों का जवाब मंत्री जीतू पटवारी दे रहे थे। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष गोपाल कुमार भार्गव ने कहा कि मंत्री जी ने जो उत्तर दिया है वह एकदम गोलमोल है। यह स्पष्ट नहीं किया कि आगे की नीति क्या होगी। क्या प्रावधान होगा। करेंगे कि नहीं करेंगे। करेंगे तो कब से करेंगे। कितने मूल्य का मोबाइल होगा
नेता प्रतिपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष सबसे सम्मानित हैं, वरिष्ठ हैं। लेकिन यह योजना राजनीतिक लाभ के लिए लाई गई थी। उस पर गोपाल भार्गव ने कहा कि जीतू भाई इसके लिए घुमाना-फिराना ठीक नहीं, इस बात के लिए आप स्पष्ट रूप से बताए। राजनीतिक लाभ के लिए पूरा संसार चल रहा है।
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इस पर मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि अच्छा लगा मुझे कि आपने स्वीकार किया कि स्मार्ट फोन आपने वोट के लिए बांटे थे। इस पर गोपाल भार्गव ने कहा कि आप मंत्री बने हो तो किसके के लिए बने हो यह बताओ, ये बेकार की बातें क्यों, काम की बात करें। सीधी-सीधी बात बताएं कि आप छात्रों को इस वर्ष मोबाइल देंगे या नहीं।
इस पर मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि अच्छा लगा मुझे कि आपने स्वीकार किया कि स्मार्ट फोन आपने वोट के लिए बांटे थे। इस पर गोपाल भार्गव ने कहा कि आप मंत्री बने हो तो किसके के लिए बने हो यह बताओ, ये बेकार की बातें क्यों, काम की बात करें। सीधी-सीधी बात बताएं कि आप छात्रों को इस वर्ष मोबाइल देंगे या नहीं।
हां या न में उत्तर दें
जीतू पटवारी फिर कुछ बोलते हैं। उस पर नेता प्रतिपक्ष कहते हैं कि आप हां या न में उत्तर दें। मैं फिर कह रहा हूं। इस पर जीतू पटवारी ने कहा कि यह आप मुझे बाध्य करेंगे कि मैं हां में बोलूं या न में बोलूं। यह तो आपका अधिकार नहीं हो सकता। यह मेरा अधिकार है कि उत्तर कैसे दूंगा। यह आपका तरीका हुआ, आप अपने शब्दों में उत्तर क्यों चाहते हैं।
जीतू पटवारी फिर कुछ बोलते हैं। उस पर नेता प्रतिपक्ष कहते हैं कि आप हां या न में उत्तर दें। मैं फिर कह रहा हूं। इस पर जीतू पटवारी ने कहा कि यह आप मुझे बाध्य करेंगे कि मैं हां में बोलूं या न में बोलूं। यह तो आपका अधिकार नहीं हो सकता। यह मेरा अधिकार है कि उत्तर कैसे दूंगा। यह आपका तरीका हुआ, आप अपने शब्दों में उत्तर क्यों चाहते हैं।
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आपको यह नहीं बोलना चाहिए
फिर दोनों के वाद-विवाद के बीच विधानसभा अध्यक्ष हस्तक्षेप करते हैं। फिर गोपाल भार्गव बोलते हैं कि यह क्या पूरी साधु-महात्माओं की जमात बैठी है, भजन मंडली है। हम यह जानना चाहते हैं कि…इस फिर मंत्री जीतू पटवारी कहते हैं आपको यह नहीं बोलना चाहिए।
आपको यह नहीं बोलना चाहिए
फिर दोनों के वाद-विवाद के बीच विधानसभा अध्यक्ष हस्तक्षेप करते हैं। फिर गोपाल भार्गव बोलते हैं कि यह क्या पूरी साधु-महात्माओं की जमात बैठी है, भजन मंडली है। हम यह जानना चाहते हैं कि…इस फिर मंत्री जीतू पटवारी कहते हैं आपको यह नहीं बोलना चाहिए।
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इसके बाद अध्यक्ष के द्वारा कहा जाता है कि भाई प्रश्नकाल चलने दीजिए। तो खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रद्युमण सिंह तोमर कहते हैं कि आप दादागिरी से उत्तर लेना चाहेंगे। हमारी सरकार आपके दादागिरी से उत्तर नहीं देगी।
इसके बाद अध्यक्ष के द्वारा कहा जाता है कि भाई प्रश्नकाल चलने दीजिए। तो खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रद्युमण सिंह तोमर कहते हैं कि आप दादागिरी से उत्तर लेना चाहेंगे। हमारी सरकार आपके दादागिरी से उत्तर नहीं देगी।