इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेता प्रतिपक्ष का प्रस्ताव स्वीकार करते हुए स्पीकर से आग्रह किया कि ओबीसी आरक्षण खत्म होने से प्रदेश के करोड़ों ओबीसी वर्ग के लोगों का नुकसान हुआ है, इसलिए इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा कराई जानी चाहिए। दोनों पक्षों की सहमति के बाद स्पीकर ने सभी काम प्रथक करते हुए ओबीसी आरक्षण मामले पर चर्चा शुरू करने की अनुमति दे दी।
सदन की कार्रवाई दोपहर 3:00 बजे तक के लिए स्थगित। 1.30 Pm
दूसरी और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि सरकार की यदि मंशा साफ है तो सरकार और जाए हम भी उसके साथ हैं। कांग्रेस पूरा समर्थन करेगी
ओबीसी आरक्षण पर बहस जारी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के मामले में सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार प्रयास करेंगे कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ हो। चौहान ने कहा कि इस मामले में सरकार हर संभव प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि के कारण ओबीसी के हितों पर कुठाराघात हुआ है।
गृहमंत्री बोले- कमलनाथ माफी मांगे
पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण का मामला अदालत से होकर अब विधानसभा में भी पहुंच गया है। इस मुद्दे पर विधानसभा में पक्ष और विपक्ष में बहस चल रही है। इस बीच गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र का बयान आया है, उन्होंने नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ से माफी मांगे को कहा है।
मिश्र ने कहा है कि लोकतंत्र में जनता की अदालत को सबसे बड़ी अदालत मानते हैं, लेकिन कांग्रेस जनता की अदालत में नहीं गई। जनता की अदालत में जाती और जीत कर आती पर कांग्रेस न्यायालय में चले गए और सारे परिदृश्य को बदल दिया। सरकार नियम प्रक्रिया से हर चर्चा के लिए तैयार है।
मिश्र ने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग के साथ पाप किया है, वह विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाने से दब नहीं जाएगा। मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग के साथ छल कर कमलनाथजी का यूपी जाना ठीक नहीं है। नेता प्रतिपक्ष होने के नाते कमलनाथजी को ओबीसी वर्ग से जुड़े विषयों पर सारगर्भित चर्चा कर जनता से माफी मांगनी चाहिए।
गौरतलब है कि पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल के स्थगन प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ और मुख्य सचेतक डा. गोविंद सिंह ने सदन में चर्चा कराने की मांग रखी थी, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सहमति दे दी थी।