आपको बता दें कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान ने प्राचार्य के निलंबन की निंदा करने वाले सिंधिया पर हमला बोलते हुए सिंधिया की शिकायत करने की बात कही थी।
ये है पूरा मामला
मुंगावली के सरकारी कॉलेज के एक प्राचार्य के निलंबन को लेकर सत्तारूढ़ दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस आमने-सामने आए हैं। इसको लेकर राजनीति भी गरमाई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान ने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोला है। वहीं सिंधिया ने प्राचार्य को निलंबित किए जाने की निंदा की है।
क्या क्षेत्रीय सांसद को कॉलेज में बुलाना अपराध है : सिंधिया
गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सवाल किया कि क्या एक सांसद को अपने संसदीय क्षेत्र के महाविद्यालय में बुलाना इतना बड़ा अपराध है कि उसके प्राचार्य को निलंबित कर दिया जाए? क्योंकि यहां के प्राचार्य डॉ. बीएल अहिरवार ने सिंधिया को पत्र लिखकर कॉलेज के विकास के लिए सांसद निधि से ७ लाख रुपए की मांग की थी। सिंधिया कॉलेज पहुंचे तो छात्र-छात्राआें ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। अगले दिन यहां के प्राचार्य डॉ. अहिरवार को निलंबित कर दिया गया। इस पर गुरुवार को सिंधिया ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। वहीं नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सवाल किया है कि क्या एक सांसद अपने क्षेत्र के किसी महाविद्यालय में विद्यार्थियों से मिले तो यह प्राचार्य का गुनाह है? सिंह ने सीएम से निलंबन रद्द करने की मांग की
चुनाव आयोग से की जाएगी सिंधिया की शिकायत : चौहान
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान ने कहा कि मुंगावली विस सीट पर उपचुनाव होना है, एेसे में वहां के कांग्रेस सांसद सिंधिया ने सरकारी कॉलेज में अपने होर्डिंग लगवाए। इनमें न केवल कांग्रेस का चुनाव चिह्न पंजा था बल्कि यह प्रचार स्लोगन भी था कि अबकी बार सिंधिया सरकार। गुरुवार को मीडिया से रूबरू हुए चौहान ने कहा कि कालेज के प्राचार्य ने भी ज्योतिरादित्य को अपने आमंत्रण-पत्र में श्रीमंत लिखकर सम्बोधित किया। इस अनियमित कार्यवाही पर उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने जब उक्त प्राचार्य को निलम्बित किया तो गुरुवार को उनके ग्वालियर स्थित निवास पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेसी गुण्डों ने घुसकर उत्पात मचाया। इस कृत्य की चुनाव आयोग से शिकायत की जाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि सिंधिया ने लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई हैं। सिंधिया इतना बौरा गए हैं कि उन्होंने प्राचार्य को निलम्बित करने वाले पर अब मंत्री पवैया के घर पर हमला करवा दिया है। राजमाता विजयाराजे सिंधिया हमारे लिए श्रध्देय हैं और उनके पोते के कृत्य निन्दनीय हैं।