प्रदेश में पाया छठा स्थान
बड़ी बहन की मदद से पढ़ाई की और घर-दुकान के कामों में हाथ बंटाते हुए परीक्षा दी और इन्हीं हालातों में प्रदेश में छठा स्थान हासिल कर लिया। कीर्ति सफलता का श्रेय माता विनिता-पिता मुकेश और शिक्षकों को देती हैं। लॉकडाउन में इस परिवार की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई है, लेकिन कीर्ति हार मानने को तैयार नहीं है। कीर्ति का कहना है कि वे विज्ञान विषय ही लेंगी और ग्रेजुएशन के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाहती हैं। इसके लिए पहले खूब पढ़कर नॉलेज गेन करेंगी।
माता-पिता से दूर रहकर पढ़ाई
जिले के हजारों निजी और सरकारी स्कू लों के लाखों बच्चों के बीच जिले की मेरिट लिस्ट में पहला स्थान श्रमोदय विद्यालय के छात्र नीरज अहिरवार ने हासिल किया है। नीरज के माता-पिता टीकमगढ़ में मजदूरी करते हैं। श्रमिकों के बच्चों के लिए बने विद्यालय में प्रवेश मिला तो माता-पिता से दूरी को अपने पर हावी न होने देते हुए नीरज जुट गया। उसने जमकर मेहनत की और 98.3 फीसदी अंक लाकर जिले की प्रावीण्य सूची में पहला स्थान हासिल किया। खास बात यह है कि 10वीं के रिजल्ट में श्रमोदय आवासीय विद्यालय का परिणाम शत-प्रतिशत रहा है। श्रमोदय विद्यालय में केवल श्रमिकों के बच्चे ही पढ़ते हैं। ऐसे में एक श्रमिक के बेटे के द्वारा आवासीय विद्यालय में रहकर उपलब्धि पाना बड़ी उपलब्धि है वहीं विद्यालय का शतप्रतिशत परिणाम भी उत्साहजनक है।