केस- दो ललित कुमार ने 10वीं मॉडल स्कूल टीटी नगर से 2004 में नियमित विद्यार्थी के रूप में दी थी। पारिवारिक कारणों से वह आगे पढ़ाई नियमित नहीं कर पाए। इस वर्ष ललित ने 12वीं का फार्म भरा था। पहले दिन उनका रिजल्ट जारी करना दिखाया गया लेकिन अगले दिन रोल नम्बर ही वैध नहीं होने का मैसेज आने लगा। अब ललित अचानक रिजल्ट रोक दिए जाने से परेशान हैं।
भोपाल. यह दो मामले तो मात्र उदारहण है, जिले सहित प्रदेश में ऐसे सैकड़ों विद्यार्थी हैं जिनका हायर सेकंडरी का रिजल्ट बोर्ड ने पहले जारी दिखाया लेकिन अगले ही दिन या तो उनका रिजल्ट दस्तावेजों की कमी से रुका हुआ दिखा रहा है या रोल नम्बर ही अवैध बता रहा है। ऐसे विद्यार्थियों को अचानक रिजल्ट हटा लेने को लेकर बोर्ड की ओर से भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। यह विद्यार्थी अब भविष्य को लेकर आशंकित हो रहे हैं।
बोर्ड ने इस वर्ष 12वीं का रिजल्ट विद्यार्थियों की 10वीं के अंकों के आधार पर बनाया है। ऐसे में दूसरे बोर्ड या सीबीएसइ से 10वीं पास करके आए छह हजार से अधिक विद्यार्थियों का रिजल्ट दस्तावेज सत्यापन नहीं होने के चलते रुक गया है। लेकिन इसके अलावा कई विद्यार्थी ऐसे भी हैं जो एपमी बोर्ड के ही हैं, उनके पास 10वीं की मार्कशीट भी हैं, लेकिन नियमानुसार फॉर्म फीस भरने के बाद भी इनके रिजल्ट रोक दिए गए हैं।
कुछ तकनीकी समस्याएं आने के चलते ऐसी समस्या आई है, ऐसे विद्यार्थी परेशान ना हों जल्द ही समस्या दूर कर ली जाएगी। उमेश सिंह, सचिव, एमपी बोर्ड