बोर्ड द्वारा छात्रों को अपने परीक्षा परिणाम में सुधार करने यानी श्रेणी में सुधार करने का अवसर दिया जाएगा। इसके लिए 1 से 10 अगस्त तक फार्म भरे जाएंगे। इसके बाद 1 से 25 सितंबर के बीच परीक्षा होगी। इनके परिणाम अक्टूबर पहले से परीक्षा के परिणाम आना मुश्किल है। ऐसे में परीक्षा में शामिल होने वाले इन छात्र-छात्राओं को डिप्लोमा इंजीनियरिंग में एडमिशन मिलना भी मुश्किल है।
तकनीकी शिक्षा विभाग नहीं बदल सकता नियम…
तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार तकनीकी कोर्स में एडमिशन के लिए अर्हता संबंधी नियम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा तय किए जाते हैं। इसलिए विभाग अपने स्तर पर प्रवेश नियमों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं कर सकता।
तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार तकनीकी कोर्स में एडमिशन के लिए अर्हता संबंधी नियम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा तय किए जाते हैं। इसलिए विभाग अपने स्तर पर प्रवेश नियमों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं कर सकता।
पिछले सत्र में 12 हजार हुए थे तीसरी श्रेणी में पास — पिछले सत्र में सिर्फ 12,885 विद्यार्थी तृतीय श्रेणी में पास हुए थे। 18,194 विद्यार्थी द्वितीय श्रेणी में और 3,483 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए थे। इसके अलावा 29,083 विद्यार्थी को पूरक की पात्रता प्राप्त हुई थी। कुल 34,563 विद्यार्थी स्वाध्यायी श्रेणी में उत्तीर्ण हुए थे।
जो क्राइटेरिया तय हुआ था उसके अनुसार हम विद्यार्थियों को सिर्फ पास कर सकते थे तो पास कर दिया है। ऐसे विद्यार्थियों की बोर्ड कोई मदद नहीं कर सकता। उमेश सिंह, सचिव, माशिमं