ऐसे समझें स्थिति
ऐसे देखें खर्च और नसबंदी का हिसाब
नगर निगम ने 2015 में नसबंदी, एंटी रैबीज इंजेक्शन और वैक्सीनेशन पर 1.12 करोड़ रुपए खर्च किए थे। वहीं, 2016 में 1.41 करोड़ रुपए, 2017 में 1.16 करोड़ रुपए, 2018 में 1.21 करोड़ रुपए, 2019 में 1.26 करोड़ रुपए का बजट रखा गया, इन सबके बावजूद शहर में आवारा कुत्तों पर लगाम नहीं लग पा रही है। हर दिन डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद जिम्मेदारों की प्लानिंग गंभीर नजर नहीं आती है। इस मामले में नगर निगम के अपर आयुक्त रणवीर सिंह का कहना है कि आवारा कुत्तों की नसबंदी का काम लगातार चल रहा है। टीमें अपना काम कर रही है। हमारे पास नसबंदी और वैक्सीनेशन ही एकमात्र उपाय है, वो हम कर रहे हैं।