16 सीटों के लिए कांग्रेस का प्लान
सर्वे में 16 सीटों पर कांग्रेस की स्थिति कमजोर होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इन सीटों पर फोकस बढ़ा दिया है। उपचुनाव के लिए विधानसभा वार नियुक्त पूर्व मंत्री और विधायकों को आगाह कर दिया गया है और ये निर्देश दिया गया है कि कमजोर बूथ को मजबूत करें और एक हफ्ते में काम की रिपोर्ट सीधे उन तक पहुंचाएं। खबर तो ये भी है कि इस रिपोर्ट को कमलनाथ पार्टी अध्यक्ष तक भी पहुंचाएंगे।
सिंधिया के पार्टी छोड़ने का असर
जिन 16 सीटों पर सर्वे में कांग्रेस की स्थिति कमजोर आई है वो सीधे सीधे ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाला इलाका है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने पर उनके साथ इन सीटों के विधायक और कई कार्यकर्ता भी कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके हैं। कुछ सीटों के हालात तो ये हैं कि वहां नेता तो छोड़िए गिने चुने कार्यकर्ता ही कांग्रेस के पास बचे हैं। ऐसे में कांग्रेस ने बूथ लेवल से पार्टी को मजबूत करने का काम शुरु कर दिया है।
ये 16 सीटें बनीं नाक का सवाल
चलिए अब आपको उन 16 सीटों के बारे में बताते हैं जहां कांग्रेस की स्थिति सर्वे में कमजोर आई है। इन सीटों में मुरैना जिले की जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी और अंबाह भिंड जिले की मेहगांव और गोहद सीट, सागर की सुरखी सीट, ग्वालियर जिले की ग्वालियर और ग्वालियर पूर्व सीट, ग्वालियर ग्रामीण की डबरा सीट, दतिया जिले की भांडेर सीट शिवपुरी जिले की करेरा, पोहरी और बामोरी सीट और अशोकनगर जिले की अशोकनगर और मुंगावली सीट शामिल है।