लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को शिवराज कैबिनेट की मंजूरी, कानून लागू करने वाला दूसरा राज्य एमपी
राज्यपाल के हस्ताक्षर होते ही ये कानून लागू हो जाएगा। यूपी के बाद एमपी देश का दूसरा राज्य है जहां ये कानून लाया गया है।

भोपाल. लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित 'धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020' मध्यप्रदेश में लागू हो गया है। शिवराज कैबिनेट ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद सरकार ने इसे राज्यपाल के पास भेजा है।
Madhya Pradesh cabinet approves the Dharma Swatantrata (Religious Freedom) Ordinance
— ANI (@ANI) December 29, 2020
अध्यादेश क्यों
26 दिसंबर को कैबिनेट ने 'धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020' विधेयक को मंजूरी दी थी। माना जा रहा था कि 28 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को सदन में पेश किया जाएगा। लेकिन कोरोना वायरस के कारण सर्वदलीय बैठक में विधानसभा सत्र को स्थगित करने का फैसला किया गया। इस कारण अब सरकार इस विधेयक को अध्यादेश के माध्यम से लागू किया गया।
क्या कहा सीएम ने
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- धर्म छुपाकर अथवा झूठा अभिनय करके अधिनियम के विरुद्ध धर्म परिवर्तन किए जाने पर कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है। एक ही समय में 2 या 2 से अधिक लोगों का सामूहिक धर्म परिवर्तन किए जाने पर 5 वर्ष-10 वर्ष का कारावास और न्यूनतम 1 लाख रु. के अर्थदंड की सज़ा होगी।
धर्म छुपाकर अथवा झूठा अभिनय करके अधिनियम के विरुद्ध धर्म परिवर्तन किए जाने पर कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है। एक ही समय में 2 या 2 से अधिक लोगों का सामूहिक धर्म परिवर्तन किए जाने पर 5 वर्ष-10 वर्ष का कारावास और न्यूनतम 1 लाख रु. के अर्थदंड की सज़ा होगी: म.प्र. मुख्यमंत्री https://t.co/rel2UqTNS8 pic.twitter.com/rCcbmCZ4K9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 29, 2020
क्या है कानून में
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया था कि विधेयक के ड्राफ्ट के मुताबिक, गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज किया जाएगा। बिल के तहत, नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का जबरन धर्म परिवर्तन, 50,000 रुपये का फाइन और 2-10 साल की न्यूनतम जेल की सजा देगा। कानून के तहत अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन के लिए संबंधित जिले के कलेक्टर को एक महीने पहले आवेदन देना होगा।
धर्मांतरण कर शादी करने के लिए कलेक्टर के पास आवेदन देना अनिवार्य होगा। कानून में कुल 19 प्रावधान हैं, जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन शिकायत करते हैं तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। अगर किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक कि सजा दी जाएगी। अगर कोई शख्स धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी।
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