जहां एक ओर कांग्रेस के कई बड़े नेता इस लाइन में नजर आ रहे हैं। वहीं इसके सबसे प्रबल दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया को माना जा रहा है। राजनीति के जानकारों की माने तो मुंगावली और कोलारस चुनाव के रिजल्ट सिंधिया के दावे को मजबूत या कमजोर बनाने का कार्य करेंगे।
वहीं अन्य कांग्रेस के नेता भी लगातार अपने दावे को मजबूत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं इसी बीच परंपरा के नाम पर मप्र में बिना चेहरे के चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अब बैकफुट पर नजर आ रहे हैं।
ताजा बयान में यादव ने कहा है कि मप्र में सीएम कैंडिडेट का फैसला दिल्ली में होगा। हम इस बारे में कुछ नहीं कर सकते। जबकि इससे पहले यादव ने दावा किया था कि मप्र में कांग्रेस बिना चेहरे के चुनाव लड़ेगी। ज्ञात हो कि अरुण यादव खुद भी इस रेस में शामिल मानते हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने रविवार को शिवपुरी में मीडिया से बात कर रहे थे। यहां कोलारस विधानसभा के लिए उपचुनाव चल रहे हैं।
यहां कांग्रेस ने महेन्द्र यादव को टिकट दिया है, परंतु सूत्रों का कहना है कि यहां का यादव समाज ही कांग्रेस प्रत्याशी के साथ नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में अरुण यादव, अपने समाज बंधुओं को मनाने आए थे।
यहां जब उनसे पूछा गया कि आपको ज्योतिरादित्य सिंधिया से क्या परेशानी है, जबकि कांग्रेस के कई विधायक उन्हें सीएम कैंडिडेट बनाना चाहते हैं तो आप इस मांग को खाजिर क्यों कर रहे हैं। इस पर यादव का जवाब था कि यह फैसला भोपाल नहीं दिल्ली में होगा।
लोकसभा चुनाव पर ये बोले अरुण यादव…
अरुण यादव को 2014 के लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। इस संबंध में जब उनसे पूछा कि 2019 के चुनाव के संदर्भ में उनकी क्या सोच है। तो इस पर यादव का जवाब था, अभी तो उसमें बहुत टाइम है।
अरुण यादव को 2014 के लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। इस संबंध में जब उनसे पूछा कि 2019 के चुनाव के संदर्भ में उनकी क्या सोच है। तो इस पर यादव का जवाब था, अभी तो उसमें बहुत टाइम है।
बता दें कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि वो 2019 में अरुण यादव को 2014 से भी शर्मनाक स्थिति में पहुंचा देंगे। यहां अरुण यादव समर्थक उन्हें सीएम कैंडिडेट मान रहे हैं।
जानकारों का मानना है कि यादव की कोर टीम को लगता है कि शिवराज विरोधी लहर के कारण कांग्रेस बिना चेहरे के ही जीत जाएगी और प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सीएम की कुर्सी पर पहला हक अरुण यादव का होगा।