इसी के चलते इन दिनों मध्यप्रदेश की सरकार का किसानों और बेरोजगारों पर खास जोर है। जिसके चलते इन समस्याओं से निपटने के लिए सरकार योजनाओं को अमली जामा पहना रही है। सामने आ रही सूचना के अनुसर मप्र सरकार अब शिक्षित बेरोजगारों को होर्टिकल्चर फसलों के लिए सरकारी जमीन देने के लिए नीति बनाने जा रही है। इस के तहत मुख्यमंत्री कमलनाथ ने होर्टिकल्चर डिपार्टमेंट की गतिविधियों की समीक्षा की।
बताया जाता है कि समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिक्षित बेरोजगारों को होर्टिकल्चर फसलों के लिए भूमि के उपयोग का अधिकार देने संबंधी नई नीति शीघ्र बनाने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक इसके तहत मध्यप्रदेश में ऐसी शासकीय भूमि को चिन्हित किया जाएगा, जहां पानी की व्यवस्था हो। इस भूमि पर संरक्षित खेती जैसे फूल-फल, सब्जियां और एक्जोटिक फसलें अर्नामेंटल नर्सरी के साथ ही टीशू कल्चर वगैरह विकसित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर विकसित करने के साथ ही तय किया है कि चिन्हित भूमि शिक्षित बेरोजगारों को दी जाए ताकि वे इसके जरिए अपने लिए रोजगार के साधन विकसित कर सकें।
बताया जाता है कि राज्य में मुख्यमंत्री बागवानी खाद्य प्रसंस्करण योजना के जरिए आर्किड पार्क स्थापित किए जाने की योजना है। फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए पढ़े-लिखे नौजवानों को औद्योगिक विकास केन्द्र के माध्यम से एक एकड़ से ढाई एकड़ तक भूमि के विकसित प्लॉट आवंटित किए जाएंगे।
इनमें सड़क, बिजली, पानी वगैरह की व्यवस्था भी शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार नौजवानों को उद्यानिकी फसलों के लिए जमीन देने की योजना पर काम शुरू किया है। यह जमीन किस आधार पर, किस नौजवान को और कितने समय के लिए दी जाएगी, इसका प्रारूप बनने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।