दरअसल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश कांग्रेस से जुड़े दिग्गजों की एक अहम बैठक मंगलवार को नईदिल्ली में ली। यहां उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस के नेता बैठकें छोड़कर फील्ड में जाएं। उन्होंने कहा कि सितंबर में वे स्वयं मध्यप्रदेश में चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे। माना जा रहा है किे ओंकारेश्वर, महाकाल, पीतांबरा पीठ में से किसी एक स्थान से कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव प्रचार का श्रीगणेश कर सकते हैं। राहुल की चुनावी यात्रा की शुरूआत के लिए ओंकारेश्वर के अलावा महाकाल मंदिर उज्जैन के साथ ही दतिया की पीतांबरा पीठ पर विचार किया जा रहा है। लेकिन ज्यादा संभावनाएं राहुल गांधी के ओंकारेश्वर से यात्रा की शुरुआत की है।
दरअसल जानकारों के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री की जनआशीर्वाद यात्रा को उज्जैन से ही हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कांग्रेस भी इसके तोड़ में नर्मदा नदी के तट और भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लेकर ही यात्रा की शुरुआत करने पर विचार कर रही है।
गठबंधन का निर्णय राहुल लेंगे…
प्रदेश कांग्रेस ने मप्र में समान विचारधारा वाले दलों बसपा से चुनावी गठबंधन करने का निर्णय राहुल पर छोड़ दिया है। राहुल ने भी इस बात पर सहमति जताई कि चुनाव के पहले गठबंधन फायदेमंद रहेगा, ताकि वोटों का विभाजन न हो सके। इसके अलावा कांग्रेस के घटते वोट शेयर को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई और इसमें कैसे बढ़ोतरी की जा सकती है। इस बारे में भी चर्चा हुई।
इसके अलावा बैठक में रीवा में रविवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दीपक बावरिया के साथ हुई अभद्रता के विषय पर तो राहुल ने तो कुछ नहीं कहा, लेकिन इस दौरान स्वयं बावरिया, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह तनाव में नजर आए।
भाजपा का षड्यंत्र बताया…
वहीं दीपक बावरिया ने मीडिया से चर्चा में कहा कि उनके साथ रीवा में हुई अभद्रता भाजपा का षडयंत्र है। जिस तरह से कांग्रेस को जनसमर्थन मिल रहा है, उससे भाजपा बौखलाई हुई है।
कुछ कांग्रेसियों पर गिर सकती है गाज…
जबकि रीवा जिला कांग्रेस ने कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं की सूची शिकायत के तौर पर प्रदेश कांग्रेस को सौंपी है। इससे माना जा रहा है कि एक दो दिन में कुछ कांग्रेसियों पर गाज गिर सकती है।
चुनाव घोषणा पत्र पर भी चर्चा : राहुल ने चुनाव घोषणा पत्र को लेकर कहा कि घोषणा पत्र इस तरह का हो कि जिसमें आम जनता की झलक दिखे। भाजपा सरकार की नाकामियों को भी उजागर करें। उन्होंने नेताओं से कांग्रेस की सरकार बनने पर 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा का भी फीड बैक लिया। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, विवेक तन्खा मौजूद रहे।