मप्र में अगले साल विधानसभा आम चुनाव होना है। जैसे-जैसे चुनावी वर्ष नजदीक आ रहा है वैसे ही पार्टी में मांग भी तेजी से उठ रही है कि चुनाव के पहले सीएम उम्मीदवार प्रोजेक्ट होना चाहिए। हालांकि, इसको लेकर पार्टी एक राय नहीं है, फिर भी एक वर्ग लगातार एेसी मांग उठा रहा है। तर्क दिया जा रहा है कि चेहरा सामने होगा तो चुनाव मैदान में मुकाबला भी तगड़ा होगा।
वहीं भाजपा की ही बात करें तो वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में उमाभारती को सीएम प्रोजेक्ट किया गया। भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला। सरकार बनी तो इसके बाद लगातार दो चुनावों में शिवराज चेहरा रहे। शिवराज के मुकाबले चेहरा होना जरूरी है।
पंजाब फार्मूला अपनाने पर जोर
कांग्रेस में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कैप्टन अरविंदर सिंह को सीएम प्रोजेक्ट किया गया। यहां प्रयोग सफल रहा। कांग्रेस चुनाव में विजयी हुई। मप्र कांग्रेस में एेसा ही फार्मूला अपनाए जाने को लेकर दबाब है।
कांग्रेस में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कैप्टन अरविंदर सिंह को सीएम प्रोजेक्ट किया गया। यहां प्रयोग सफल रहा। कांग्रेस चुनाव में विजयी हुई। मप्र कांग्रेस में एेसा ही फार्मूला अपनाए जाने को लेकर दबाब है।
सिंधिया-कमलनाथ पर टिकी निगाहें
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य ङ्क्षसधिया व कमलनाथ के खेमे से इन्हें कमान सौंपने की मांग उठती रही है। लेकिन हाईकमान से कभी प्रतिक्रिया नहीं आई। पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव से लगातार यही कहा गया कि वे सक्रियता बनाए रखें।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य ङ्क्षसधिया व कमलनाथ के खेमे से इन्हें कमान सौंपने की मांग उठती रही है। लेकिन हाईकमान से कभी प्रतिक्रिया नहीं आई। पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव से लगातार यही कहा गया कि वे सक्रियता बनाए रखें।
इधर, इनकी रहेगी असंतुष्टों पर रहेगी नजर
मध्यप्रदेश कांग्रेस के नव नियुक्त प्रदेश प्रभारी मैदान संभालेंगे। वे 2 से 4 नवम्बर तक मंदसौर, नीमच, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर एवं धार जिलों का दौरा करेंगे। जिलों में बैठकें कर कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों से चर्चा भी करेंगे।
चुनावी मोड में आई कांग्रेस का फोकस अब एक-एक विधानसभा क्षेत्रों पर है। एेसे में पार्टी की नजर कमजोर कडि़यों और असंतुष्टों पर है। असंतुष्टों को साधने की तैयारी है। नाराजगी दूर करने के भी प्रयास होंगे।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के नव नियुक्त प्रदेश प्रभारी मैदान संभालेंगे। वे 2 से 4 नवम्बर तक मंदसौर, नीमच, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर एवं धार जिलों का दौरा करेंगे। जिलों में बैठकें कर कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों से चर्चा भी करेंगे।
चुनावी मोड में आई कांग्रेस का फोकस अब एक-एक विधानसभा क्षेत्रों पर है। एेसे में पार्टी की नजर कमजोर कडि़यों और असंतुष्टों पर है। असंतुष्टों को साधने की तैयारी है। नाराजगी दूर करने के भी प्रयास होंगे।
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चुनाव प्रत्याशी, स्थानीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ कांग्रेसियों से बैठक में शामिल होने को कहा गया है।