पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के साथ कांग्रेस नेताओं के साथ पुलिस की झड़प की तस्वीरें सामने आई। दोनों ही पार्टियों ने एक दूसरे पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया। कांग्रेस इस मामले अब चोड़ना नहीं चाहती पार्टी ने तय किया है कि वह भोपाल जिला पंचायत चुनाव की जांच के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार के दवाब में नियम विरुद्ध टेंडर वोट डाले गए, कोर्ट से इसकी जांच की मांग करेंगे।
पीसी शर्मा का आरोप है कि 4 टेंडर वोट नियम विरुद्ध डाले गए हैं। टेंडर वोट किसी सदस्य के बीमार, अनपढ़ होने की पर ही डाले जाते हैं। इसके साथ ही शर्मा ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने एक एक सदस्य को 1-1 करोड़ रुपए दिए हैं। पीसी शर्मा ने तो यहां तक कह दिया कि 2023 में जब कांग्रेस की सरकार बनगी तो भोपाल जिला पंचायत चुनाव की जांच कराएंगे।
भोपाल जिला पंचायत चुनाव में हार के बाद कांग्रेस संगठन ने सख्ती करते हुए चार नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कांग्रेस संगठन को इन नेताओं द्वारा पार्टी विरोधी काम करने की शिकायत के आधार पर निष्कासित किया गया है। पार्टी ने रामगोपाल राजपूत, नवरंग गुर्जर, रोहित राजौरिया और विनोद राजौरिया को निष्कासित कर दिया है।
भोपाल जिला पंचायत चुनाव में हंगामे के बीच कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई रामकुंवर गुर्जर को अध्यक्ष पद चुना गया है। रामकुंवर गुर्जर को 10 में से 6 सदस्यों ने वोट दिए थे। रामकुंवर के सामने कांग्रेस की रश्मि भार्गव ने चुनाव लड़ा था उसे केवल 4 वोट ही मिले।