scriptकांग्रेस—जयेस में गठबंधन की संभावना बढ़ी | MP Elaection may be Congress-Jayes in coalition alliance | Patrika News

कांग्रेस—जयेस में गठबंधन की संभावना बढ़ी

locationभोपालPublished: Oct 25, 2018 08:18:14 pm

Submitted by:

harish divekar

28 सीटों पर हो सकता है समझौता

बहुजन समाज पार्टी के साथ बात बिगड़ने के बाद अब कांग्रेस आदिवासी संगठन जयेस से गठबंधन करने का पूरा प्रयास कर रही है, इसके लिए जयेस संगठन भी राजी है।

दोनों की सहमति देखते हुए गठबंधन की संभावनाएं बनती दिख रही हैं। यदि ऐसा होता है तो भारतीय जनता पार्टी के लिए यह समाचार परेशानी भरा हो सकता है, दरअसल अभी आदिवासी सीटों पर कब्जा भाजपा का ही है।
कांग्रेस—जयेस के एक होने से उसके हाथ से आदिवासी सीटें खीसक सकती हैं।
कांग्रेस और जयेस गठबंधन को लेकर उस समय बल मिला जब जयेस के अध्यक्ष डॉ हीरालाल अलावा और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया की दिल्ली में मुलाकात हुई।
सूत्रों का कहना है कि अलावा ने बाबरिया को 40 सीटों की लिस्ट सौंपी है। हालांकि कांग्रेस ने 28 सीटों पर गठबंधन के लिए आश्वासन दिया है।

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा की मुलाकात जयस के अध्यक्ष हीरालाल अलावा से हुई।
इस दौरान अलावा ने जयस की तरफ से गठबंधन के लिए बाबरिया को 40 सीटों की लिस्ट सौंपी। इसके बाद बाबरिया की ओर से यह बताया कि करीब 28 सीटों पर सहमति बन सकती है।
इन 28 सीटों में 22 रिजर्व और छह सामान्य सीटों पर गठबंधन की संभावना कांग्रेस की ओर से जयास को जताई गई है।

बाबरिया ने अलावा को आश्वासन दिया है कि इसकी चर्चा स्क्रीनिंग कमेटी में की जाएगी और 30 अक्टूबर को राहुल गांधी के झाबुआ दौरे से पहले जयस के साथ गठबंधन पर फैसला हो जाएगा।
इन जिलों में जयेस का प्रभाव
धार, झाबुआ, अलीराजपुर जैसे आदिवासी बहुल जिले जय आदिवासी युवा संगठन का गढ़ माने जाते हैं। मध्यप्रदेश में आदिवासी वर्ग की आबादी 21 प्रतिशत है, विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए रिजर्व हैं।

ऐसे में आदिवासी संगठन जयस पिछले कुछ महीनों से प्रदेश भर में सक्रिय है।
कौन है हीरालाल अलावा

मालवा-निमाड़ में आदिवासियों के बीच तगड़ी पैठ बना चुके जयस के राष्ट्रीय सरंक्षक डॉ. हीरालाल अलावा है। एम्स से असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से नौकरी छोड़ने के बाद अलावा ने 5 साल पहले संगठन बनाया था। अब तक 5 लाख सदस्य जुड़ चुके है।
कितनी ताकतवर कुक्षी

मालवा-निमाड़ की राजनीति का बड़ा केंद्र कुक्षी सीट है। आदिवासी बाहुल्य वाली अजजा सीट पर 1985 के बाद से हमेशा कांग्रेस का कब्जा रहा है। सीट से लगातार छह बार जमुनादेवी ने जीत दर्ज की थी। वे उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष बनी। जमुनादेवी के 24 सितंबर 2010 को निधन के बाद सीट खाली हुई थी। 5 महीने बाद उपचुनाव(फरवरी 2011) में भाजपा के मुकाम सिंह किराड़े जीते थे। केवल दो साल ंबाद वर्ष 2013 के चुनाव में कराड़े बुरी तरह हार गए। कांग्रेस का फिर कब्जा हो गया।
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