गोविंदपुरा से टिकट मिलने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कृष्णा गौर ने कहा है कि इस बार एक लाख से अधिक वोटों से जीतेंगे।
गौर ने कहा कि अबकी बार गोविंदपुरा से बाबूजी के आशीर्वाद से एक लाख वोटों से भी अधिक मतों से जीत दर्ज की जाएगी। बीजेपी में टिकट वितरण को लेकर चल रहे असंतोष पर गौर ने कहा कि सभी परिवार के लोग हैं, उन्हें मना लिया जाएगा।
पीएम की बात पर नहीं किया गौर
दो माह पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने आए थे तो मोदी ने कहा था कि गौर साहब एक बार और। इसके बाद से पार्टी से दरकिनार चल रहे गौर को दोबारा टिकट देने की चर्चाएं शुरू हो गई थी। गौर साहब भी बार-बार मोदी की वो बात याद दिलाते रहते थे कि जब प्रधानमंत्री मोदी कहकर गए हैं तो मेरा टिकट तो कट ही नहीं सकता है। पार्टी के भीतर कुछ असंतुष्ट लोगों का कहना है कि मोदी की बात पर किसी ने गौर नहीं किया। अंततः गौर की जगह उनकी बहू को टिकट दे दिया गया।
कौन है कृष्णा गौर
कृष्णा गौर भाजपा महिला मोर्चा की पदाधिकारी भी हैं और भोपाल नगर निगम की महापौर रह चुकी है। कृष्णा गौर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के दिवंगत बेटे की पुत्र वधु है।
काफी समय से थी सक्रिय
महापौर रहने के साथ ही कृष्णा गौर काफी समय से गोविंदपुरा क्षेत्र में सक्रिय थी। इसी लिए कृष्णा गौर को हमेशा से ही बाबूलाल गौर के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था।
टिकट के लिए अड़ गए थे ससुर और बहू
88 उम्र में पार्टी से किनारे कर दिए गए गौर साहब चुनाव लड़ने के लिए कई बार इच्छा जाहिर कर चुके थे। पिछले दिनों हुई रायशुमारी में भी गौर ने गोविंदपुरा सीट से अपनी दावेदारी जताई। इसके अलावा अपनी पुत्रवधू कृष्णा गौर के नाम का भी प्रस्ताव रखा।