इसके बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय ने भी इसे फर्जी बताया। इस 9 नामों की सूची में एेसे नाम थे, जो भाजपा की अंदरूनी कलह में उलझे हैं। इसलिए इनके सामने आने से विवाद की स्थिति बनती।
इस फर्जी सूची में देपालपुर से मनोज पटेल, इंदौर 1 से सुदर्शन गुप्ता, इंदौर 2 से आकाश विजयवर्गीय, इंदौर 3 से रमेश मेंदोला, इंदौर 4 से मालिनी गौड़, इंदौर 5 से महेंद्र हार्डिया, महू से कैलाश विजयवर्गीय, राऊ से जीतू जिराती और सांवेर से राजेश सोनकर का नाम था।
दरअसल, इंदौर क्षेत्र की इन सीटों को लेकर ही भाजपा में जबरदस्त खींचतान है। इंदौर की सीटें लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय के बीच उलझी हैं। दोनों ने अपने पुत्र के लिए इंदौर से टिकट मांगा है।
इसमें कैलाश अपने बेटे आकाश का टिकट इंदौर दो से चाहते हैं, जबकि ताई भी इंदौर से अपने बेटे मंदार महाजन को टिकट दिलाना चाहती है। इसलिए जो फर्जी सूची जारी हुई, उसमें इंदौर दो से कैलाश के पुत्र आकाश का नाम शामिल था। जबकि, खुद कैलाश का नाम महू से दिया गया।
वहीं सुमित्रा महाजन के खास समर्थक सुदर्शन गुप्ता का नाम इंदौर एक से था, लेकिन बेटे मंदार महाजन का नाम शामिल नहीं था। इसलिए इस सूची पर जमकर खींचतान शुरू हो गई थी, लेकिन प्रदेश भाजपा ने तुरंत इस सूची को नकार दिया।
सोशल मीडिया पर खिंचाई-
इस बीच सोशल मीडिया पर जोक्स भी चल गए कि प्रदेश भाजपा के नेताओं को ही पता नहीं कि सूची असली है या नकली। इसकी वजह यह रही कि सूची जैसे ही वायरल हुई, तो कुछ वॉट्सअप गु्रप पर भाजपा ने असमंजस में दिखे। सूची को लेकर भाजप नेताओं ने वाट्सअप ग्रुप पर पहले पुष्टि या खंडन से इंकार किया। बाद में जब पार्टी-फोरम पर सूची के फर्जी होने की पुष्टि हुई, तो भाजपा नेताओं व प्रवक्ताओं ने इसे नकारना शुरू किया। वैसे, इससे पहले भी सोशल मीडिया पर भाजपा व कांग्रेस की कई फर्जी सूचियां चल चुकी है।
इस बीच सोशल मीडिया पर जोक्स भी चल गए कि प्रदेश भाजपा के नेताओं को ही पता नहीं कि सूची असली है या नकली। इसकी वजह यह रही कि सूची जैसे ही वायरल हुई, तो कुछ वॉट्सअप गु्रप पर भाजपा ने असमंजस में दिखे। सूची को लेकर भाजप नेताओं ने वाट्सअप ग्रुप पर पहले पुष्टि या खंडन से इंकार किया। बाद में जब पार्टी-फोरम पर सूची के फर्जी होने की पुष्टि हुई, तो भाजपा नेताओं व प्रवक्ताओं ने इसे नकारना शुरू किया। वैसे, इससे पहले भी सोशल मीडिया पर भाजपा व कांग्रेस की कई फर्जी सूचियां चल चुकी है।