मंगलवार सुबह से चल रही कवायद के बीच नई खबर आ रही है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर टिकट नहीं मिलने से अपनी ही पार्टी से बेहद खफा हो गए हैं। इसके साथ ही अब तक उनकी पुत्र वधू को भी टिकट नहीं मिला है। दोनों के ही कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
अमित शाह तक पहुंचा मामला
मध्यप्रदेश भाजपा के दिग्गज नेता का विवाद अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तक पहुंच गया है। माना जा रहा है कि अब यह मामला अमित शाह सुलझाएंगे। मध्यप्रदेश में टिकट वितरण के बाद राजनीति गर्माई हुई है। गोविंदपुरा समेत कई ऐसे विधानसभा क्षेत्र बचे हुए हैं जहां विवाद की स्थिति बन गई है।
मोदी ने कहा था तो क्यों नहीं मिलेगा टिकट
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर कई बार मीडिया से कह चुके हैं कि पिछले दिनों जब मोदी भोपाल आए थे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा था कि गौर साहब एक बार और। इसके बाद गौर कई बार बोल चुके हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कहा था तो मुझे टिकट क्यों नहीं मिलेगा।
कांग्रेस ने रखा टिकट देने का प्रस्ताव
भोपाल में सुबह से ही राजनीति गर्माई हुई है। कांग्रेस ने गौर से संपर्क साधकर काफी देर तक चर्चा की। कांग्रेस नेता कैलाश मिश्रा ने बाबूलाल गौर से मुलाकात की और कांग्रेस ज्वाइन करने का प्रस्ताव रखा। यह मुलाकात गुफा मंदिर में हुई। इस मौके पर चंद्रमादास त्यागी भी साथ थे। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने उन्हें या कृष्णा गौर को गोविंदपुरा सीट से टिकट देने का आफर रखा है।
यह भी जा सकते हैं कांग्रेस में
उधर, मध्य विधानसभा से पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह के भी कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के कई दिग्गज नेता कांग्रेस से संपर्क में है। उधऱ, गुना से भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री केएल अग्रवाल ने भी मंगलवार को निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
सरताज सिंह के भी बागी तेवर
भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह भी सिवनी मालवा से टिकट नहीं मिलने से खफा हैं। मंगलवार को भी उनका दर्द छल उठा। उन्होंने कहा कि पार्टी में अब घुटन महसूस होने लगी है। मैंने भी 60 सालों तक इस पार्टी की सेवा की है। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनसे फोन पर बात की और उनकी पसंद का व्यक्ति का नाम सुझाने की बात कही।
75 पार उम्र होने का खामियाजा भुगत रहे पूर्व मंत्री सरताज सिंह ने कहा कि पार्टी भले ही पद न दे सम्मान तो दे। सिंह ने कहा कि पार्टी हारेगी तो मुझे भी बुरा लगेगा।
कांग्रेस में भी चल रही है बगावत
इधर, कांग्रेस पार्टी में भी टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं की नाराजगी चल रही है। कांग्रेस से भी कई नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। दल बदलने का दौर कांग्रेस नेता प्रेमचंद गुड्डू के बीजेपी में शामिल होने से शुरू हुआ, इसके बाद कांग्रेस ने जवाबी हमला करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदार को ही अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। इसके अलावा भोपाल की मध्य विधानसभा में भी कांग्रेस दो गुटों में बंट गई है। यहां कांग्रेस ने आरिफ मसूद को टिकट दी है। जबकि कांग्रेस नेता साजिद अली भी यहां से दावेदार थे। साजिद को टिकट नहीं मिलने से नाराज उनके समर्थकों ने कांग्रेस कार्यालय में जमकर हंगामा कर दिया। उन्होंने शोभा ओझा का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। इन्हें समझाने का दौर चल रहा है।
-उधर, भोजपुर विधानसभा क्षेत्र से सुरेश पचौरी को टिकट मिलने से खफा दूसरे घेमे के लोगों ने कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया। इन्हें भी मनाने का दौर चल रहा है।