देर रात भाजपा ने 53 बागियों को निष्कासित कर दिया। अब पार्टी में पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया, केएल अग्रवाल, पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता, विधायक राजकुमार मेव, नरेन्द्र सिंह कुशवाह और पूर्व विधायक ब्रह्मानंद रत्नाकर पार्टी की राह में रोड़ा बन सकते हैं।
उधर, कांग्रेस में विधायक दिनेश अहिरवार, पूर्व विधायक जेवियर मेढ़ा, सत्यव्रत चतुर्वेदी के पुत्र नितिन चतुर्वेदी सहित 14 बागी मैदान में हैं। कांग्रेस ने बागी जेवियर मेढ़ा, रूपाली बारे और राजकुमार कैथवास को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। भाजपा में सीएम शिवराज सिंह चौहान चुनावी दौरे के बीच बागियों को मनाते नजर आए।
भाजपा कार्यालय में अध्यक्ष राकेश सिंह, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे बागियों से संपर्क कर उन्हें मनाने में जुटे रहे। तीन मंत्रियों के सामने उन्हीं की पार्टी के बागी जीत का समीकरण बिगाड़ सकते हैं। प्रदेश में 538 नामांकन फार्म वापस होने के बाद 2932 उम्मीदवार मैदान में हैं।
काम नहीं आए …
भाजपा में इन्होंने लिया नाम वापस: शमशाबाद- राघवजी, हुजूर- जितेंद्र डागा, बरघाट- विधायक कमल मर्सकोले, सैलाना विधायक-संगीता चारेल, सुसनेर- गोसंवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष संतोष जोशी, जावरा-विश्वजीतसिंह राठौर, खरगापुर-पूर्व बीडीए अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप सिंह बेबी राजा, दमोह- शिवचरण पटेल और नरेंद्र दुबे, अनूपपुर-राजेश सोनी, पृथ्वीपुर-अनिल पाण्डे , जिला महामंत्री महेश गनेशी सागर-मुकेश जैन ढाना, विद्या भूषण तिवारी, बड़वानी-पांडु सोलंकी, खंडवा-आनंद मोहे,बडनगऱ- पूर्व विधायक उदयसिंह पण्डया के बेटे जितेंद्रसिंह पण्डया, कालापीपल-नवीन शिंदे,परासिया- तुकाराम दुर्गे, पनागर-नरेन्द्र त्रिपाठी।
कांगे्रस में इन्होंने लिया नाम वापस: कोतमा – विधायक मनोज अग्रवाल, इंदौर 1- कमलेश खंडेलवाल, प्रीति अग्निहोत्री, इंदौर 5 – पार्षद छोटे यादव, देपालपुर- कांग्रेस के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष मोतीसिंह पटेल, गोंविदपुरा- रामबाबू शर्मा, पिपरिया- मनोज बामने, मुलताई – पूर्व विधायक डॉ पीआर बोडख़े, पवई-अनिल तिवारी, सैलाना-कमल देवड़ा, जावरा- हमीरसिंह, नीमच- मधु बंसल, होशंगाबाद-जिला उपाध्यक्ष शरीफ राईन, जयसिंहनगर – लखन बैगा, पृथ्वीपुर- राधारमन पस्तोर, पानसेमल- विकास डावर, सेंधवा- पूर्व जिलाध्यक्ष सुखलाल परमार, सिहोरा-जमना मरावी।
कुसमरिया से झा बोले, आ जाओ बाबाजी
भाजपा में मान-मनौव्वल का ड्रामा दमोह में दिखा। पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया को मनाने दूसरे दिन भी पार्टी उपाध्यक्ष प्रभात झा डेरा डाले रहे, लेकिन कुसमरिया ने उन्हें बैरंग लौटा दिया। झा ने कुसमरिया से फोन पर कहा, आ जाओ बाबाजी, वरना बहुत देर हो जाएगी। आपको लेने हेलीकाप्टर भेज दूं। आप ऐसा मत करिए, मैं सीएम और सबसे बात करके आया हूं।
ये बिगाड़ेंगे भाजपा का चुनावी समीकरण
के.एल.अग्रवाल: 2008 में बमोरी से जीते। 2013 में हार गए। वे मंत्री भी रह चुके हैं। वे भाजपा के ब्रजमोहन आजाद के लिए संकट खड़ा करेंगे। यह सीट कांग्रेस के पास है।
नरेन्द्र सिंह कुशवाह: मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी। भिण्ड से सपा से पर्चा भरा। उनके आने से भाजपा को सीधा नुकसान हो रहा है।
समीक्षा गुप्ता: प्रभात झा की करीबी। मंंत्री नारायण सिंह कुशवाहा की दिक्कत बढ़ी। ग्वालियर दक्षिण से कांगे्रस के प्रवीण पाठक मैदान में है।
राजकुमार मेव: भाजपा से दो बार के विधायक। भाजपा के भूपेंद्र आर्य हैं। त्रिकोणीय संघर्ष में कांग्रेस को लाभ नजर आ रहा है।
धीरज पटेरिया: जबलपुर मध्य से युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष। मंत्री शरद जैन के लिए मुश्किल बने।
रामराव कवड़ेती : पांढुर्ना से पूर्व विधायक। उनके आने से भाजपा को नुकसान होगा।
कांग्रेस में भी संकट
दिनेश अहिरवार: जतारा सीट से विधायक। सीट लोजद के लिए छोड़ी। निर्दलीय परचा भरा है। जातिगत समीकरणों में कांग्रेस पर असर पड़ेगा।
जेवियर मेड़ा: 2008 में झाबुआ से विधायक बने। 2013 में हारे। कांग्रेस को नुकसान होगा। पार्टी से निष्कासित कर दिया।
नितिन चतुर्वेदी: राजनगर से सपा उम्मीदवार। बुंदेलखंड के ब्राह्मण नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी के पुत्र। कांग्रेस के विक्रम सिंह नातीराजा को नुकसान होगा।
प्रताप सिंह उईके: घोड़ाडोंगरी से सपा प्रत्याशी। पूर्व मंत्री रहे।
ये डटे मैदान में…
बमोरी से निर्दलीय पूर्व राज्यमंत्री केएल अग्रवाल को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फोन पर मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता भी ग्वालियर दक्षिण से मैदान में डटी हैं। इन्हें भी मनाने का जिम्मा नरेंद्र सिंह तोमर के पास था, लेकिन तोमर को यहां भी निराशा हाथ लगी।