भोपाल

सपा छोड़ कांग्रेस में चुनाव लड़ने आए अर्जून का सपना रहा अधूरा

कांग्रेस ने नामांकन के आखिरी दिन अरुण यादव को उतारा

भोपालNov 09, 2018 / 07:56 pm

harish divekar

congress

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए समाजवादी पार्टी का टिकट वापस करके कांग्रेस में शामिल हुए अर्जून आर्य का ऐन मौके पर टिकट गया।
कांग्रेस ने नामांकन के आखिरी दिन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को मैदान में उतार दिया। मुख्यमंत्री को कड़ी चुनौती देने के लिए अर्जून आर्य बुदनी में पिछले दो साल से कड़ी मेहनत कर रहे थे।
आर्य ने बुदनी क्षेत्र के आदिवासी वोट बैंक और किसानों में अच्छी खासी पैंठ बना ली थी। उनके अधिकार की लड़ाई के लिए उन्होंने सरकार के खिलाफ खुले आम मोर्चा भी खोला इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा।
अर्जून आर्य की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा सहित अन्य दलों ने डोरे डाले थे।
 

समाजवादी पार्टी ने तो 6 महीने पहले ही उन्हें बुदनी से अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया था, लेकिन इसी बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आर्य को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाने का आश्वासन देते हुए पार्टी में शामिल कर लिया।

आर्य ने समाजवादी पार्टी को छोड़ कांग्रेस की सदस्यता ले ली। उसके बाद से वे लगातार क्षेत्र में सक्रिय बने हुए थे।
भाजपा का गणित बिगाड़ने अरुण को उतारा
भाजपा ने अर्जून आर्य को संभावित प्रत्याशी मानते हुए अपनी रणनीति तैयार कर ली थी। अर्जून आर्य ने कहां कहां फिल्डिंग की है उनकी क्या—क्या कमजोरी और ताकत है। इसका पूरा एनालिसिस कर लिया गया था, जिससे ऐन चुनाव के मौके पर वार किया जा सके। इधर, कांग्रेस ने नामांकन के आखिरी दिन अचानक अरुण यादव को उतारकर भाजपा के साथ सबको चौका दिया।

 

इतना ही नहीं कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि यादव के मैदान में आने से भाजपा का गणित बिगड़ गया है। कारण कि आर्य को संभावित प्रत्याशी मानते हुए मुख्यमंत्री और भाजपा आश्वस्त हो गई थी कि उन्हें कोई खतरा नहीं है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने बुदनी की जनता से वादा ले लिया कि वे चुनाव प्रचार के लिए नहीं आ पाएंगे, उनकी पत्नी साधना और बेटा कार्तिकेय ही चुनाव प्रचार करेंगे।

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