चुनाव आयोग ने इस आनलाइन वोटिंग अपडेशन को लाइव उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपए के बजट का प्रावधान भी किया गया था। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की वेबसाइट के अलावा जनता की सुविधा के लिए सुगम्य पोर्टल में चुनाव संबंधी जानकारी अपलोड किए जाने का दावा किया गया था।।
२८ नवंबर को मतदान के दिन इस पोर्टल को दिनभर तो अपडेट किया जाता रहा। लेकिन वोटिंग पूरी होते ही आंकड़े अटक गए देर रात तक भी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय यह जानकारी नहीं दे पाया कि वोटिंग की वास्तविक स्थिति क्या है। ७५ फीसदी के अनुमानित आंकड़े के बाद आयोग का पूरा सिस्टम जाम हो गया। लोगों को सुबह तक यह आंकड़े मिल जाने की उम्मीद थी, लेकिन गुरूवार को उलटे सुगम्य पोर्टल ही बंद हो गया। हालांकि आयोग का कहना है कि सुगम्य पोर्टल केवल मतदान वाले दिन के लिए ही था।
आयोग की साइट भी अपडेट नहीं-
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की वेबसाइट में गुरुवार दोपहर तक अधूरे आंकड़े ही प्रदर्शित होते रहे। बुधवार शाम पांच बजे तक हुई वोटिंग के १५० से अधिक विधानसभा क्षेत्रों के आंकड़े अपलोड नहीं किए गए।
यूं चुनाव आयोग ने दी सफाई-
मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि वोटिंग के लाइव-अपडेशन के लिए ६५ हजार मैदानी अधिकारियों व कर्मचारियों से मोबाइल एसएमएस के जरिए सुगम्य पोर्टल पर डाटा लिया जा रहा था। मोबाइल एसएमएस से सटीक आंकड़े नहीं आ पाए, इसलिए आंकड़ों में गड़बड़ी हो गई। सुगम्य पोर्टल और निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के आंकड़ों में अंतर आ रहा था। इसलिए आयोग की वेबसाइट से पूरा डाटा हटा दिया गया है। बुधवार को सुगम्य पर जो डाटा अपडेशन के आधार पर वोटिंग का अनुमानित आंकड़ा ७५ फीसदी बताया था, लेकिन अब डाटा मिलान के बाद ७४.८५ प्रतिशत वोटिंग पाई गई है। अभी आंकड़ों का मिलान और चल रहा है। शुक्रवार को वेबसाइट पर फायनल डाटा अपलोड कर दिया जाएगा।