यहां परिवहन विभाग निजी एजेंसी से पुराने वाहनों को कंडम कर मालिकों को डिपॉजिट सर्टिफिकेट मुहैया कराएगा। जिसे दिखाकर वाहन मालिक नए वाहन के रजिस्ट्रेशन पर छूट ले सकेंगे।
प्रदेश में पुराने वाहनों की स्थिति-कार- 88529
मोपेड – 20162
जीप – 21607
ट्रैक्टर – 74794
ऑटो रिक्शा – 46999
गुड्स ट्रक – 72502
बस – 14813
टैक्सी – 1098
बाइक – 208054
स्कूटर – 76188
– संजय तिवारी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी इधर, डीलर पॉइंट रजिस्ट्रेशन में इंश्योरेंस की बाधा खत्म-
वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार के निर्देश पर अब भाेपाल में भी डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन में अब इंश्योरेंस की बाधा को समाप्त कर दिया गया है। एक अगस्त से प्रदेश में वाहन शोरूम पर डीलर ही वाहन का रजिस्ट्रेशन करने के लिए अधिकृत कर दिए गए हैं।
यह सेवा केंद्र सरकार के वाहन-4 परिवहन पोर्टल पर दी जा रही है। इस सेवा में इंश्योरेंस इनफॉरमेशन ब्यूरो का डाटा ङ्क्षलक नहीं होने से दिक्कत आ रही थी। जब तक इंश्योरेंस के दस्तावेज अपलोड करने के बाद इनका वेरिफिकेशन नहीं हो जाता था तब तक वाहन की डिलीवरी संभव नहीं थी।
प्रक्रिया में आ रही दिक्कत के बाद इंश्योरेंस की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। वाहन विक्रेता अब इंश्योरेंस के दस्तावेज वाहन की डिलीवरी के बाद भी अपलोड कर सकेंगे। शहर में डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन के लिए 100 से ज्यादा दो पहिया एवं चार पहिया वाहन डीलर ने रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद लॉगिन आईडी प्राप्त किया है। प्रक्रिया आसान होने के बाद अब खरीदारों को शुभ मुहूर्त में वाहन की डिलीवरी मिलना संभव हो पाएगी।
18 दिन में 300 से ज्यादा केस लंबित
एक अगस्त से प्रदेश में डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन होने के बाद एनआइसी सरवर में लगातार खराबी की शिकायत आ रही थी। इसके अलावा इंश्योरेंस का डाटा अपलोड नहीं होने की वजह से वाहनों की डिलीवरी नहीं हो रही थी। पिछले 18 दिन में भोपाल में डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन के लिए 300 लॉगइन प्रकरण लंबित पड़े हुए हैं। इंश्योरेंस की बाध्यता समाप्त होने के बाद अगले 3 दिन में इन वाहनों की डिलीवरी होने की संभावना है।