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लड़कों को पीछे छोड़ इतिहास रचने वाली सेलर रातों रात बनी लखपति

locationभोपालPublished: Sep 01, 2018 09:47:20 am

Submitted by:

dinesh Binole

एशियन गेम्स की सबसे अनोखी स्पर्धा में जीता कांस्य पदक

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एशियन गेम्स में हमारे खिलाड़ी पदक तालिका में टॉप पर होंगे

जकार्ता/भोपाल. होशंगाबाद की सेलर हर्षिता तोमर ने एशियाई खेलों में कांस्य जीतकर इतिहास रच दिया। 16 साल की उम्र में सेलिंग की ओपन लेजर 4.7 स्पर्धा में तीसरा स्थान हासिल किया। प्रदेश का यह पहला व्यक्तिगत पदक है। सीएम शिवराजसिंह चौहान ने उन्हें 50 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर बधाई दी।
अनोखी है प्रतियोगिता
पदक जीतने के बाद हर्षिता ने पत्रिका से चर्चा में मैं शुरू से ही ओपन लेजर 4.7 स्पर्धा में खेलना चाहती थी। इसमें महिला और पुरुष खिलाड़ी एक साथ चुनौती देते हैं। उन्होंने कहा, खुशी है कि मैं लड़कों को हराकर देश के लिए पदक जीत पाईं। मैंने कोशिश तो कि थी कांस्य को रजत में बदलूं, लेकिन हवाओं के प्रभाव से ऐसा नहीं कर पाई।
अब मिशन ओलंपिक 2020 है लक्ष्य, भोपाल वापस आकर दूंगी दसवीं का एग्जाम
हर्षिता तोमर ने पत्रिका को बताया कि अब मेरा लक्ष्य मिशन 20-20 है। मैं टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतना चाहती हूं। उन्होंने बताया कि मैं 4 साल से सेलिंग सीख रहूं, मुझे पैरेंट्स, कोच और अकादमी ने बहुत सर्पोट किया है। गेम के दौरान 10वीं की परीक्षा नहीं दे पाई हूं, वापस आकर अपनी स्टडी पूरी करनी है। मप्र सेलिंग अकादमी की इस खिलाड़ी का पदक इसलिए भी खास है, कि उन्होंने सेलिंग के ओपन लेजर 4.7 स्पर्धा में लड़कों को पछाड़कर तीसरा स्थान पाया और कांस्य जीता। चौथे स्थान पर एमपी के ही गोविंद बैरागी रहे। स्पर्धा का स्वर्ण पदक मलेशिया के मुहम्मद फॉजी कमन शाह ने जीता, रजत पदक चाइना के वॉन्ग जिंगजॉन्ग के नाम रहा।
तैराकी छोड़कर सेलिंग को चुना

होशंगाबाद की नर्मदा नदी में कभी तैराकी में गोता लगाने वाली इस खिलाड़ी का 2013 में सेलिंग खेल नाता जुड़ा। फिर कोच जीएल यादव ने इन्हें सेलिंग की ट्रेनिंग दी। उन्होंने बताया कि मैं पहले तैराक थी, टैलेंट सर्च से मेरा सलेक्शन सेलिंग अकादमी में हुआ था। जहां मैंने पहली बार सेलिंग वोट को देखा था। हर्षिता ने अपने करियर में अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 3 स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीते हैं। जबकि राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 6 स्वर्ण 3 रजत और एक कांस्य सहित दस पदक अर्जित किए। इस प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें बेस्ट वुमेन सेलर के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।
बेटी ने गौरवांवित कर दिया है
पिता देवेंद्र तोमर ने कहा, पदक जीतकर बेटी ने हमें गौरवांवित किया है, इस दौरान उसने 10वीं का एग्जाम भी नहीं दिया। वापस आने पर उसका एग्जाम दिलवाऊंगा। मैं चाहता हूं अब वह देश के लिए ओलंपिक में पदक जीतकर आए। बता दें कि हर्षिता की मां रानी तोमर सीबीआई पुलिस में हेड कांस्टेबल हैं। बेटी की उपलब्धि पर उन्होंने भी खुशी जाहिर की है।

अभी तक के अचीवमेंट
2017 में दुबई में हुई सेलिंग चैम्पियनशिप के लेजर 4.7 इवेन्ट में स्वर्ण पदक जीता। चैन्नई में 2015 में आयोजित इंडिया इंटरनेशन रिगाटा के आप्टीमिस्ट क्लास बोट में स्वर्ण जीता। 2016 चैन्नई में आयोजित इंडिया इंटरनेशन रिगाटा के लेसर 4.7 बालिका वर्ग में भी हर्षिता ने स्वर्ण पदक अर्जित किया। दोहा में वर्ष 2015 में आयोजित एशियन ऑप्टीमिस्ट सेलिंग चैम्पियनशिप में हर्षिता ने एक कांस्य पदक अर्जित किया। छह अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी भी की।
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