अब कोई स्कूल बच्ची के दाखिला को तैयार नहीं
छात्रा मान्यता वर्मा के पिता मोहित वर्मा ने कहा कि मैं जिले की कई स्कूलों के चक्कर लगा चुका हूं लेकिन अब कोई स्कूल अंकसूची में ये टिप्पणी लिखी होने के कारण बच्ची का स्कूला में दाखिला करने को तैयार नहीं है। पांच स्कूलों में एडमिशन के लिए जा चुका हूं लेकिन सभी अंकसूची में ये लिखे होने की वजह से दिक्कत कर रहे हैं।
स्कूल के इस रवैये से बच्ची का मानसिक स्तर बिगड़ा
मोहित वर्मा ने कहा कि स्कूल प्रशासन के इस रवैये से बच्ची के मानसिक संतुलन पर असर पड़ा है। बच्ची को ऐसा लगता है कि हमने उसके स्कूल की फीस नहीं भरी है। क्योंकि स्कूल प्रशासन की ओर से बच्ची से भी ये बात कही गई कि तुम्हारे माता- पिता ने फीस नहीं भरी है इसलिए परीक्षा में बैठने नहीं दिया जा रहा।
तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित
छात्रा के पिता ने लिखित रूप से बाल आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है। छात्रा के पिता ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ऐसी टिप्पणी कर बच्ची को शिक्षा के मौलिक अधिकारों से वंचित किया गया है। जिस पर बाल आयोग ने संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। और जांच की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए है।
जिम्मेदार ये बोले
इस मामले की जांच अभी पूरी नहीं हो पाई है। मामले की जांच चल रही है। जांच पूरी होते ही जल्द रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
फूल सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी, शहडोल
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ये मामला बेहद गंभीर है। अशासकीय स्कूल को मार्कशीट पर ऐसी नोट नहीं लिखनी चाहिए। तीन सदस्यीय कमेटी जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कठोर कार्रवाई की अनुषंशा की जाएगी। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 के तहत मुकदमा भी दर्ज हो सकता है।
बृजेश सिंह चौहान, सदस्य, मध्यप्रदेश बाल आयोग