नगरीय विकास विभाग की बैठक में फैसला, ये हों संषोधन
बता दें कि, किरयेदार अधिनियम के कानून के मॉडल को केंद्र सरकार ने साल 2015 में तैयार करके सभी राज्यों को भेज दिया था, लेकिन कई राज्य इसे अब तक लागू नहीं कर पाए, जिसपर केंद्र सरकार ने राज्यों से इसे लागू ना करने को लेकर जवाब-तलब करने की बात कही थी, जिसपर बैठक करते हुए नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों ने केंद्र द्वारा भेजे गए मॉडल एक्ट के प्रावधानों को लेकर वरिष्ठ सचिव समिति की बैठक की, साथ ही समिति ने इसके क़ूनून में कुछ संशोधन करने को कहा गया है। समिति द्वारा तय किया गया है कि, इन संशोधनों के बाद प्रस्तावित कानून लागू किया जाएगा। राज्य सरकार के इस अधिनियम को लेकर बने सजग रवय्यै को देखते हुए इस बात के क़यास लगाए जा रहे हैं कि, जुलाई में होने वाले विधानसभा सत्र में इस कानून को पारित किया जा सकता है।
किरायदारों को मिलेगी राहत
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, संशोधित क़नून में किराएदार को राहत देने के लिए कई प्रावधान जोड़े गए हैं। जैसे किराएदार को मकान मालिक के पास किराए की तीन गुना डिपोजिट राशि नहीं देना होगी। गौरतलब है कि रेंट कंट्रोल एक्ट 1948 के प्रावधान और नियम काफी पुराने होने के चलते सरकार नया कानून ला रही है। इसी के तहत 2015 में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए एक जैसे कानून का मसौदा बनाकर भेजा था और इसे लागू करने के निर्देश दिए थे। बता दें कि, इससे पहले भी एक बार मध्य प्रदेश सरकार साल 2010 में किरायादार अधिनियम लाई थी, जिसपर साल 2012 में राष्ट्रपति ने मंजूरी भी दे दी थी और गजट नोटिफिकेशन भी हो गया, लेकिन इसके बाद इसके नियम नहीं बन सके। बाद में केंद्र सरकार ने नया एक्ट लागू करने के निर्देश दे दिए। मसौदा तैयार होने के बावजूद पिछले तीन साल से राज्य सरकार कानून लागू नहीं करवा पाई थी।