न कोई हलफनामा पेश किया, क्योंकि मध्यप्रदेश के पास ठोस कचरे के निपटारे को लेकर कोई नीति ही नहीं है। पूर्व में मध्यप्रदेश ने सुप्रीमकोर्ट में नीति की बजाए एक्शन प्लान दिया था, जिसे सुप्रीमकोर्ट ने नकारकर ३ लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया था। इसके बाद भी अब तक मध्यप्रदेश ने सुप्रीमकोर्ट में कोई हलफनामा या याचिका पेश नहीं की है। हालांकि मप्र ने कचरा प्रबंधन नीति का मसौदा तैयार कर लिया है, इसे जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा।
अब मप्र के आगे क्या कदम-
उत्तराखंड और महराष्ट्र में निर्माण पर रोक हटने के बाद अब मध्यप्रदेश इस मामले में कदम उठाएगा। मध्यप्रदेश जल्द ही सुप्रीमकोर्ट में यह हलफनामा देकर यह जवाब पेश कर सकता है कि वह एक्शन प्लान के हिसाब से काम कर रहा है और जल्दी ही इसकी नीति तैयार कर लेगा। हालांकि नीति नहीं होने के कारण मध्यप्रदेश को तीन लाख रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है, लेकिन निर्माण पर लगी रोक हटाने के लिए जरूर प्रदेश प्रयास करेगा।
–किस पर कितना जुर्माना-सुप्रीमकोर्ट ने राज्यों पर एक-एक लाख रुपए से लेकर पांच लाख रुपए तक का जुर्माना लगा था। इसमें मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र पर तीन-तीन लाख रुपए का जुर्माना लगा था। नौ राज्यों मेघालय, ओडिशा, केरल, पंजाब, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल, पश्चिम बंगाल और गोवा पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगा था, जबकि आंध्रप्रदेश पर पांच लाख रुपए जुर्माना था।