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एमपी में अब तक 15 हजार से ज्यादा ट्रांसफर, एक ही अधिकारियों के कई बार बदले विभाग

locationभोपालPublished: Jun 03, 2019 12:11:58 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

कमलनाथ सरकार में तबादलों को लेकर विपक्ष लगातार हमले कर रहा है।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा था मध्यप्रदेश में ट्रांसफर और पोस्टिंग का कारोबार चल रहा है।

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एमपी में तबादला उद्योग: सरकार बनने से अब तक 15 हजार से ज्यादा ट्रांसफर, एक ही अधिकारियों के कई बार बदले विभाग

भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार एक बार फिर से तबादलों को लेकर सुर्खियों में है। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस सरकार ने एक बार फिर से तबादलों की तरफ ध्यान कर लिया है। प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बने अभी 165 दिन हुए हैं लेकिन सरकार के द्वारा किए गए तबादलों की लिस्ट बहुत लंबी है। सरकार ने अब तक 15 हजार से ज्यादा तबादले किए हैं। सरकार जहां तबादलों में व्यस्त है वहीं, भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार में तबादलों के सहारे पैसे कमाए जा रहे हैं। भाजपा का कहना है कि मध्यप्रदेश में इन दिनों तबादला और हवाला उद्योग चल रहा है।
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450 से ज्यादा आईएएस अधिकारियों के तबादले
आचार संहिता हटने के बाद सरकार ने एक बार फिर से तबादलों का काम शुरू कर दिया। शनिवार को 33 आईएएस अधिकारियों और आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया। सरकार ने अपने 165 दिन के कार्यकाल में अब तक 450 से अधिक आईएएस-आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा और राज्य पुलिस सेवा के साथ आईएफएस और निचले स्तर के ट्रांसफर को भी जोड़ा जाए तो यह आंकड़ा 15 हजार से अधिक हो गया है। इसे लेकर ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप की स्थिति है।
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एक ही अफसर के कई बार तबादले
कांग्रेस की सरकार में एक ही अधिकारियों के कई बार तबादले हो चुके हैं। महेशचंद्र चौधरी को 18 दिसंबर को रीवा कमिश्नर पद से हटाकर मंत्रालय में ओएसडी बनाया गया। फिर उन्हें ग्वालियर कमिश्नर बनाया गया, लेकिन 27 मई को फिर हटा दिया गया। बीएम शर्मा को 23 मार्च को ग्वालियर कमिश्नर पद से हटाकर सदस्य राजस्व मंडल बनाया गया। 27 मई को फिर शर्मा ग्वालियर कमिश्नर बना दिए गए। चौधरी को सदस्य राजस्व मंडल भेज दिया गया। प्रदेश सरकार बनने के बाद जेके जैन शहडोल कमिश्नर रहे। उन्हें हटाकर 4 मार्च को शोभित जैन को कमिश्नर बनाया गया और 27 मई को उन्हें हटा दिया गया। अब आरबी प्रजापति शहडोल कमिश्नर हैं। वहीं, भरत यादव को मुरैना कलेक्टर से ट्रांसफर करके ग्वालियर कलेक्टर बनाया गया। फिर ग्वालियर से हटाकर एमडी ऊर्जा विकास निगम बनाया गया। 13 मई को फिर आदेश निकला और छिंदवाड़ा कलेक्टर पदस्थ किए गए और 27 मई के आदेश में जबलपुर कलेक्टर बना दिए गए।
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क्या कहना है भाजपा का
भाजपा विधायक और मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि मध्यप्रदेश में सरकार ने रोजगार तो दिए नहीं, लेकिन अधिकारियों का तबादला लगातार जारी है। सीएम ऑफिस में जनहित के काम की जगह तबादले का उद्योग चलाया जा रहा है। मध्यप्रदेश में इन दिनों केवल तबादला और हवाला उद्योग चल रहा है।

पीसी शर्मा ने किया समर्थन
वहीं, कांग्रेस सरकार के मंत्री पीसी शर्मा ने सरकार द्वारा किए जा रहे तबादलों का समर्थन किया है। पीसी शर्मा ने कहा, भाजपा की सरकार में पैसे लेकर ट्रांसफर किया जाता था लेकिन कमल नाथ की सरकार मे नियम के मुबातिब समर्थन किया जा रहा है। अगर जरूरी होगा तो तबादले जारी रहेंगे।

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