‘उज्वल’ में शामिल विषयों और इसके लिए की जाने वाली एक्सरसाइज को कराने के लिए यूएनएफपीए ने 170 प्रदेश स्तरीय ट्रेनर तैयार किए हैं। ये ट्रेनर आगामी शिक्षण सत्र से पहले जिला स्तर पर शिक्षकों को ट्रेनिंग देेंगे। यहां बता दें प्रदेश में प्रत्येक हाइ और हायर सेकंडरी स्कूल में दो शिक्षकों को ट्रेनिंग देने की तैयारी है। इस हिसाब से 13 से 15 हजार शिक्षकों को ट्रेंड किया जाएगा।
इन विषयों पर विद्यार्थियों को देंगे ‘शिक्षा’
उज्जवल के तहत विद्यार्थियों को 18 विषयों से रूबरू कराया जाएगा। इनमें उज्जवल भविष्य की ओर, जेंडर आधारित सोच बदलने में लडक़ो की भूमिका, लडक़ों द्वारा भेदभाव को चुनौती, भूमिकाएं बदलकर देखो, घर के कामों में लडक़ों की भागीदारी, क्या है मर्दानगी, सकारात्मक मर्दानगी, हिंसा में मर्दानगी नहीं, ना को स्वीकार करना, लैंगिक अपराधों से कानूनी सुरक्षा, जेंडर आधारित चयन को रोकना, दहेज से परहेज, घरेलू हिंसा रोकने में लडक़ों की भूमिका, सुरक्षित स्थान बनाएं, साइबर की दुनिया, जिम्मेदारी में भागीदारी और हम हैं नए हमारा अंदाज नया शामिल है।
इसलिए ‘उज्जवल’ की दरकार
मप्र में यूनएफपीए की मदद से स्कूल शिक्षा विभाग वर्ष 2017 से उमंग नाम से जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम संचालित कर रहा है। इसके तहत कक्षा नौ से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को जीवन को बेहतर करने की सीख दी जाती है। उमंग के लिए प्रदेशभर में 380 मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं। इसी क्रम में पहली बार किशोरों में लैंगिक समानता का पाठ पढ़ाने के लिए उज्जवल प्रोग्राम की शुुरुआत की गई है।