दरअसल, 4-5 साल से सरकारी खजाने की माली हालत ज्यादा ख़राब हूई है। कोरोना काल में तो स्थिति और बिगड़ गई। राज्य को टैक्स कम मिला, बहीं काम-धंधा ठप होने से लोगों को आर्थिक लाभ देने पड़े। सरकार को कोरोना के इलाज और संक्रमण रोकने में भी बड़ी राशि खर्च करनी पड़ी।
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बजट से ज्यादा कर्ज है राज्य पर
राज्य का बजट 2 लाख 4 हजार करोड़ का है, जबकि 2 लाख 53 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक यह कर्ज और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
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स्टार्टअप के लिए अनुकूल वातावरण बना
वही दूसरी ओर राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों (RGPV) में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि देश में स्टार्टअप के लिए अनुकूल वातावरण बना हुआ है। फूड एन्ड एग्रीकल्चर सेक्टर में ग्रोथ की अपार संभावनाएं हैं। केन्द्र सरकार ने कृषि से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं के लिए एक लाख करोड़ का एग्री-इन्फ्रा-फंड भी बनाया है। शुरुआती पूंजी उपलब्ध कराने के लिए एक हजार करोड़ रुपए का सीड फंड शुरू किया है। उन्होंने कहा कि स्र्टाटअप को बड़ा बाजार भी उपलब्ध कराया गया है। सरकारी टेंडर्स में स्र्टाटअप को भी उतना ही मौका मिल रहा है जितना किसी बड़ी कंपनी को। अब तक करीब 8 हजार स्टार्टअप जेम पोर्टल पर रजिस्टर हैं, जिन्होंने लगभग 2,300 करोड़ रुपए का व्यापार भी किया है।