राज्यपाल ने कोरोना के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि यह त्रासद स्थिति बाहर (विदेशों) से आने वालों के कारण उत्पन्न हुई है। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में इसका प्रकोप ज्यादा है। शेष जिलों में एक-दो मामले सामने आये हैं। मध्यप्रदेश में कोरोना के कारण दो लोगों की मृत्यु हुई है, जिसमें उज्जैन जिले की बुजुर्ग महिला और एक युवा शामिल है।
कलेक्टरों को फ्री हैण्ड – राज्यपाल कहा कि प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को फ्री हैण्ड दिया गया है। इसके तहत उन्हें समय और परिस्थिति के अनुसार अपने स्तर पर कार्यवाही करने की छूट है। सरकार के साथ-साथ रेडक्रॉस तथा अन्य धार्मिक और स्वयंसेवी संस्थायें भी अपने-अपने स्तर पर दवाई, भोजन आदि की व्यवस्था कर रही हैं। शासन ने बंद अस्पतालों को अधिग्रहीत कर वहां भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की पहल की है। गाँवों तक यह महामारी नहीं फैलाने पाए, इसके लिए राज्य के सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को विद्यार्थियों के माध्यम से जागरूकता लाने का दायित्व सौंपा गया है।
उपराष्ट्रपति ने निभाई समन्वयक की भूमिका – कॉन्फ्रेन्सिंग में उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने राष्ट्रपति और राज्यपालों के बीच समन्वयक की भूमिका निभाते हुए कहा कि संकट से निपटने में राज्यपालों की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए वे प्रदेश में उपलब्ध सभी संसाधनों के साथ-साथ युवा और बुद्धिजीवी वर्ग का सहयोग भी प्राप्त करें। लॉक डाउन के दौरान प्राइवेट सेक्टर अपनी जिम्मेदारी समझें। केन्द्रीय विद्यालय, यूनिवर्सिटी, फार्मा स्टूडेंटस और मेडीकल से जुड़े रिटायर्ड लोग अपनी सेवायें दें।
सेवाकर्मियों को धन्यवाद दिया राष्ट्रपति ने – राष्ट्रपति द्वारा आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के प्रारंभ में महाराष्ट्र, केरला, कर्नाटक, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान और पंजाब-चंडीगढ़ के राज्यपालों ने अपने-अपने प्रदेश में कोरोना की स्थिति और उससे बचाव के लिये किये जा रहे प्रबंधन के संबंध में जानकारी दी। वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग में राष्ट्रपति ने सभी प्रदेशों में कोरोना संघर्ष से निपटने में लगे सेवाकर्मियों को धन्यवाद दिया। देश के सभी नागरिकों से संकट की इस घड़ी में धैर्य, संयम और सहयोग की अपील की।