१८ अक्टूबर को इंदौर में होने जा रही मैग्नीफिसेंट एमपी का अयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में देश के बड़े उद्योगपति और निवेशक शामिल हो रहे हैं। राज्य सरकार ने तय किया है कि इस बार किसी भी कंपनी से कोई एमओयू नहीं होगा।
बल्कि इन्वेस्टमेंट पर सीधे बात होगी। इसके लिए सरकार निवेशकों के लगातार संपर्क में है। कई उद्योगपतियों ने मध्यप्रदेश में निवेश करने में रूचि दिखाई है। अभी तक राज्य सरकार को विभिन्न सेक्टरों के ९२ प्रस्ताव राज्य सरकार को मिल चुके हैं।
यदि इनके द्वारा मध्यप्रदेश में निवेश किए जाने वाले प्रस्ताव को देखा जाए तो यह ८८ हजार करोड़ रुपए से अधिक होता है।
अब तक ६७३ उधोगपतियों ने दी सहमति
मैग्नीफिसेंट एमपी में शामिल होने अब तक ६७३ उधोगपतियों ने सहमति दी है। उधोग विभाग का मानना है कि मंगलवार तक २५० उधोगपतियों की सहमति और मिल जाएगी। इस समिट में देश के ९०० बड़े निवेशकों के शामिल होने की संभावना है।
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५० कंपनियां एग्जिबिशन में लगाएंगी स्टॉल
समिट के एग्जिबिशन हॉल में ७० कंपनियों ने स्टॉल लगाने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन जगह की कमी के चलते ५० कंपनियों को जगह दी गई है।
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६ माह में २०० निवेशकों ने दिखाई रुचि
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार में आते ही निवेश पर फोकस किया। नतीजतन पिछले ६ माह में २०० कंपनियों ने १० हजार करोड़ के निवेश की रुचि दिखाई। मध्यप्रदेश इंडस्ट्री डेवलपमेंट कारपोरेशन इंदौर ने निवेशकों की जरुरत के अनुसार ३०० एकड़ जमीन आवंटित की है। एक साल बाद लगभग १५ हजार लोगों को रोजगार मिलना शुरु हो जाएगा।