उन्होंने निर्देश दिये कि आधुनिक गौ-शाला निर्माण योजना को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये। यादव ने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिये दुधारु पशुओं की नस्ल सुधार के कार्यों पर विशेष ध्यान देने को कहा।
पशुपालन मंत्री ने पशुओं के लिये हरे चारे की समस्या को दूर करने के लिये चरनोई की भूमि पर हरा चारा उगाने की समझाइश दी। इस बैठक में गौलाशा की गायों के लिए चारा-पानी की मुश्किल न हो इस पर भी चर्चा की गई। अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में अत्याधुनिक गौ-शालाओं के निर्माण और विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने बजट और अन्य आवश्यकताओं की जानकारी दी।
मंदिरों में बनेगी गौशाला :
मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि मंदिरों में गौ-शाला निर्माण का प्रस्ताव विचाराधीन हैं। इस प्रस्ताव के तहत जिन मंदिरों के पास पर्याप्त जमीन है उन पर गौशाला बनाई जाएंगी।
उन गौशालाओं का संचालन भी मंदिरों के जिम्मे रहेगा। प्रदेश में एेसे कई मंदिर हैं जिनके पास सौ-सौ एकड़ जमीन हैं,उन पर गौशाला बनाने पर विचार किया जा रहा है।
प्रदेश में बन रहीं एक हजार गौशालाएं :
सरकार पहले चरण में एक हजार गौशालाएं बना रही है। इनका निर्माण कार्य शुरु हो गया है। अगले छह महीने में इनको शुरु करने का लक्ष्य रखा गया है।
इन गौशालाओं में सबसे पहले उन बेसहारा गायों को रखा जाएगा जो सड़क पर भटकती हैं और सड़क हादसों का शिकार हो जाती है। सरकार नेशनल हाईवे के किनारे वाले शहरों में सबसे पहले गौशाला शुरु करवाएगी ताकि गायों को एक्सीडेंट से बचाया जा सके। सरकार ने हर पंचायत में एक गौशाला खोलने का वचन दिया है।